UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा फिर विवादों में, पेपर के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल

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UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा फिर विवादों में, पेपर के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल

देहरादून।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की रविवार को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा एक बार फिर विवादों में घिर गई है। परीक्षा शुरू होने के महज 35 मिनट बाद ही प्रश्न पत्र के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे पेपर लीक की आशंका गहरा गई है। घटना से आयोग सकते में आ गया और एसएसपी देहरादून तथा एसएसपी एसटीएफ को मामले की जांच के लिए पत्र भेजा गया है।

परीक्षा प्रदेशभर में 445 केंद्रों पर सुबह 11 बजे शुरू हुई। 1,54,764 पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 1,05,803 ने परीक्षा दी, जबकि 48,961 अनुपस्थित रहे। उपस्थिति प्रतिशत 68.36 दर्ज किया गया। बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में उपस्थिति 70 प्रतिशत से अधिक रही।

परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए जाने के बावजूद प्रश्न पत्र के पन्ने बाहर आने पर आयोग ने गहरी चिंता जताई है। आयोग के अध्यक्ष गणेश शंकर मर्तोलिया ने कहा, “इसे सीधे तौर पर पेपर लीक नहीं कहा जा सकता। शुरुआती जांच में जो पन्ने सामने आए हैं, वे पढ़ने योग्य नहीं पाए गए। फिर भी यह गंभीर विषय है और विस्तृत जांच कराई जा रही है।”

बेरोजगार संघ ने लगाया पेपर लीक का आरोप

उधर, उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने दावा किया है कि पेपर हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से लीक हुआ है। संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल का कहना है कि वायरल प्रश्नपत्र और परीक्षा में अभ्यर्थियों को मिले प्रश्नपत्र का मिलान करने पर कई सवाल समान पाए गए हैं। संघ ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है और सोमवार, 22 सितंबर को सचिवालय कूच का ऐलान किया है।

STF पहले से थी अलर्ट

गौरतलब है कि शनिवार शाम ही एसटीएफ और देहरादून पुलिस ने पेपर लीक गिरोह के मास्टरमाइंड हाकम सिंह और उसके साथी पंकज गौड़ को गिरफ्तार किया था। इन पर अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लेकर परीक्षा में पास कराने का आरोप है। बेरोजगार संघ का कहना है कि उन्होंने पहले ही 9 सितंबर को एसटीएफ को एक ऑडियो क्लिप सौंपी थी, जिसमें पंकज गौड़ पेपर दिलाने के लिए 15 लाख रुपये की मांग कर रहा था।

2021 की घटना दोहराई?

यह पहली बार नहीं है जब UKSSSC की परीक्षा पर सवाल उठे हों। दिसंबर 2021 में हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था, जिसमें हाकम सिंह आरोपी बनाया गया था। उस समय आयोग को परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी और दोबारा परीक्षा करानी पड़ी थी।

बेरोजगार युवाओं में आक्रोश

लगातार पेपर लीक और परीक्षा विवादों से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे बेरोजगार युवाओं में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि मेहनत और संघर्ष से हासिल करने वाले सपनों को नकल माफिया चूर कर रहे हैं। आयोग और सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि इस मामले की पारदर्शी और सख्त जांच हो।


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