UKSSSC पेपर लीक मामला: स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द, तीन महीने में दोबारा होगी परीक्षा
जांच आयोग की रिपोर्ट के बाद धामी सरकार का बड़ा फैसला
देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक प्रकरण में बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया है। आयोग के अध्यक्ष जी.एम. मार्तोलिया ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जांच आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग की बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया। इस परीक्षा में प्रदेशभर से करीब 1,05,000 अभ्यर्थी शामिल हुए थे, लेकिन परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक केंद्र से पेपर के तीन पन्ने मोबाइल के जरिए बाहर भेजे जाने और सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला विवादों में आ गया था।
जांच आयोग की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई तेज
पेपर लीक की जांच के लिए राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। आयोग ने देहरादून, हल्द्वानी समेत कई शहरों में जन संवाद आयोजित कर अभ्यर्थियों, शिक्षकों और संबंधित पक्षों के बयान दर्ज किए। अभ्यर्थियों ने बड़ी संख्या में परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी।
शनिवार को आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी, जिसके बाद राज्य सरकार ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया। आयोग ने तीन माह के भीतर दोबारा परीक्षा कराने की सिफारिश भी की है।
सीएम धामी बोले — “शुचिता और पारदर्शिता पर कोई समझौता नहीं”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद कहा कि सरकार परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा —
“आयोग ने अल्प समय में अभ्यर्थियों और संबंधित पक्षों से सुझाव लेकर रिपोर्ट तैयार की है, जो सराहनीय है। राज्य सरकार रिपोर्ट का परीक्षण कर अभ्यर्थियों के हित में हर संभव निर्णय लेगी।”
सीएम धामी ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति पहले ही की जा चुकी है, ताकि मामले की पूरी निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
बेरोजगार संघ का आंदोलन और युवाओं की भूमिका
पेपर लीक के खुलासे के बाद उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले प्रदेशभर में युवाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया था। उन्होंने परीक्षा रद्द करने और सीबीआई जांच की मांग की थी।
सीएम धामी स्वयं आंदोलन स्थल पर पहुंचे थे और युवाओं से बातचीत कर कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद आंदोलन को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया।
युवाओं ने सरकार को दस दिन का समय दिया था — और उसी अंतिम दिन सरकार ने परीक्षा रद्द करने का बड़ा फैसला लेकर छात्रहित में कदम उठाया।
आगे क्या होगा
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स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द, तीन माह में दोबारा होगी परीक्षा।
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अन्य परीक्षाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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सीबीआई जांच की प्रक्रिया शुरू, एसआईटी भी पहले से जांच में जुटी है।
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अभ्यर्थियों को नई परीक्षा की तिथि जल्द घोषित की जाएगी।
सरकार ने कहा है कि भविष्य में किसी भी भर्ती परीक्षा में किसी प्रकार की अनियमितता की गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी, ताकि राज्य की परीक्षा प्रणाली पर अभ्यर्थियों और अभिभावकों का विश्वास कायम रहे।