खुशखबरी है कि उत्तराखंड के 24 लाख बिजली उपभोक्ताओं को यूपीसीएल 26 करोड़ रुपये लौटाएगा। फ्यूल एंड पावर परचेज कास्ट एडजेस्टमेंड (एफपीपीसीए) की नई व्यवस्था के तहत उपभोक्ताओं से बिजली बिल में वसूली गई अतिरिक्त धनराशि लौटाई जा रही है। उपभोक्ताओं ने जो बिजली खर्च की है उसमे उन्हें प्रति यूनिट सात पैसे से लेकर 25 पैसे प्रति यूनिट का लाभ मिलेगा।
गौर हो कि पिछले दिनों उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत फ्यूल एंड पॉवर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) की व्यवस्था की गई थी। इसमें ये प्रावधान किया गया था कि अगर यूपीसीएल नियामक आयोग की ओर से तय दरों से अधिक पर बाजार से बिजली खरीदेगा तो अतिरिक्त रकम की वसूली उपभोक्ताओं से की जाएगी। नई व्यवस्था में हर माह बिजली खरीद की दर और फ्यूल चार्ज को उपभोक्ताओं के बिल में समायोजित किया जा रहा है।
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार बताते हैं कि अगस्त माह में उन्होंने निर्धारित से कम दरों पर बाजार से बिजली खरीदी थी, जिसके एवज में 26 करोड़ की राशि 24 लाख बिजली उपभोक्ताओं को लौटाई जाएगी। इसमें हिमाच्छादित क्षेत्रों में सात पैसे प्रति यूनिट, आम उपभोक्ताओं को 17 पैसे प्रति यूनिट, अघरेलू उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट, सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों को 24 पैसे प्रति यूनिट, प्राइवेट ट्यूबवेल को आठ पैसे, कृषि संबंधी गतिविधियों में 11 पैसे, एलटी-एचटी इंडस्ट्री को 24 पैसे, मिक्स लोड उपभोक्ताओं, रेलवे ट्रैक्शन को 22 पैसे और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन को 20 पैसे प्रति यूनिट की दर से रकम लौटाई जाएगी।
उत्तराखंड विधुत नियामक आयोग ने फ्यूल सरचार्ज और बाजार से खरीदी जाने वाली बिजली का भार उपभोक्ताओं पर डाले जाने की नयी व्यवस्था दी है। इसमें ये प्रावधान किया गया था कि अगर यूपीसीएल नियामक आयोग की ओर से तय दरों से अधिक पर बाजार से बिजली खरीदेगा तो अतिरिक्त रकम की वसूली उपभोक्ताओं से की जाएगी। अगर यूपीसीएल निर्धारित से कम दरों पर खरीदेगा तो उसी हिसाब से पैसा उपभोक्ताओं को लौटाएगा।अक्टूबर माह में जो बिजली खर्च की है उसका बिल नवम्बर में आएगा।