उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति आज (मंगलवार) से लागू कर दी गई है। राज्य में सर्वप्रथम विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत प्राइमरी एजुकेशन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाल वाटिका का शुभारंभ कर इसकी शुरुआत की। बाल वाटिका के शुभारंभ के साथ ही उत्तराखंड राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बच्चों में उद्यमिता के विकास के लिए कौशलम् पुस्तक एवं कैरियर कार्ड का विमोचन भी किया।![](https://themountainstories.com/wp-content/uploads/2022/07/Screenshot_20220712-202258_Twitter.jpg)
बाल वाटिका कक्षाओं के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण भी किया। इसके साथ ही एससीईआरटी के भवन का शिलान्यास भी किया गया। सीएम धामी ने कहा कि जहाँ इससे बच्चों के नए भविष्य का निर्माण होगा वहीं नौनिहालों को वह हर चीज मिलेगी जो उनके संपूर्ण विकास के लिए जरूरी होगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि इस क्षेत्र के जिन आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो रही है, उनकी मरम्मत की जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक नया क्रांतिकारी परिवर्तन है। एससीईआरटी ने इसका पाठ्यक्रम तैयार किया है। इसके साथ ही उत्तराखंड एनईपी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया।
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में 72000 शिक्षकों से पठन-पाठन के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में बीस हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं, पहले चरण में प्राथमिक स्कूलों में चल रहे पांच हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिकाओं का संचालन शुरू होगा। उन्होंने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों के लिए हस्तपुस्तिका, बच्चों के लिए स्वास्थ्य, संवाद और सृजन नाम की तीन अभ्यास पुस्तिकाएं तैयार की गई हैं।
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शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूल परिसर में 4447 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। इन केंद्रों में प्री प्राइमरी से कक्षाओं को शुरू कर छात्र-छात्राओं को कक्षा एक के लिए तैयार किया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से प्री प्राइमरी को बाल वाटिका नाम दिया गया है। विभाग की ओर से इसके लिए अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।
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उत्तराखंड में 20 हजार 67 आंगनबाड़ी केंद्र मंजूर हैं। इसमें से 20 हजार 17 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों में 14555 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तैनात हैं। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में 14249 सहायिकाएं एवं 4941 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां नियुक्त हैं।
बता दें कि भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 आरंभ की है। जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं। अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाता है। नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था। परंतु अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। गौरतलब है कि यह राष्ट्रीय शिक्षा निति (National Education Policy 2014) के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र में शामिल था।