उत्तराखंड में 23 जनवरी को होने वाले नगर निकाय चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने बैलेट पेपर, पोलिंग पार्टियों, सुरक्षा बलों और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर पूरी योजना बनाई है। निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए कई निर्देश जारी किए गए।

बैलेट पेपर और चुनाव सामग्री तैयार—
सभी जिलों में बैलेट पेपर पहुंच चुके हैं। पोलिंग बूथों तक बैलेट पेपर पहुंचाने के लिए पैकेटिंग और बंडलिंग का काम पूरा किया जा रहा है। पोलिंग पार्टियों को किट, बैलेट बॉक्स और अन्य आवश्यक सामग्री भी समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों को समय पर समाप्त करने का निर्देश दिया गया है।

सुरक्षा व्यवस्था और संवेदनशील बूथ—
राज्य में कुल 1515 मतदान केंद्र और 3394 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। इनमें 588 मतदान केंद्र और 1290 पोलिंग बूथ संवेदनशील श्रेणी में, जबकि 419 मतदान केंद्र और 1043 बूथ अति संवेदनशील श्रेणी में हैं। देहरादून जिले में सबसे अधिक संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथ हैं। इन बूथों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे।

संवेदनशीलता के आधार पर जिलेवार आंकड़े—
- देहरादून: 379 संवेदनशील और 302 अति संवेदनशील बूथ
- हरिद्वार: 197 संवेदनशील और 207 अति संवेदनशील बूथ
- नैनीताल: 124 संवेदनशील और 185 अति संवेदनशील बूथ
- ऊधमसिंह नगर: 279 संवेदनशील और 229 अति संवेदनशील बूथ
मतदाता आंकड़े—
राज्य में कुल 30,29,028 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें 15,62,349 पुरुष, 14,66,151 महिलाएं और 528 अन्य शामिल हैं। देहरादून जिले में सबसे अधिक 9,98,231 मतदाता हैं।

मतदान कर्मियों की तैनाती—
देहरादून जिले में 5252 मतदान कर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें 27 जोनल मजिस्ट्रेट, 62 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 1300 पीठासीन अधिकारी और 3863 मतदान अधिकारी शामिल हैं। अन्य जिलों में भी इसी प्रकार पोलिंग पार्टियों और सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित की गई है।

मतगणना की तैयारी—
मतगणना 25 जनवरी को शुरू होगी। इस दौरान निष्पक्षता बनाए रखने के लिए वेबकास्टिंग का प्रावधान किया गया है।
चुनाव प्रचार पर रोक—

21 जनवरी की शाम 5 बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। इसके बाद प्रत्याशी केवल डोर-टू-डोर प्रचार कर सकते हैं। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने 23 जनवरी को मतदान के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।
नगर निकाय चुनाव का महत्व—
राज्य के 100 नगर निकायों में 1282 वार्ड शामिल हैं। यह चुनाव स्थानीय शासन की दिशा तय करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। निर्वाचन आयोग ने प्रशासन और पुलिस को लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने और मतदाताओं के लिए निर्बाध यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

नगर निकाय चुनाव की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर विशेष ध्यान देते हुए, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग प्रतिबद्ध है। जनता से अपील है कि 23 जनवरी को अपने मताधिकार का उपयोग कर लोकतंत्र को सशक्त बनाएं।
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