उत्तराखंड में बारिश और बाढ़ से हालात खराब हैं, रह रह कर मूसलाधार बारिश कहर मचाये हुए है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बारिश और बाढ़ की हालातों को लेकर चिंता जाहिर की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक बाढ़ का हालातों की समीक्षा की। धामी ने प्रभावितों की मदद के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। सीएम धामी ने बाढ़ के दौरान जान गंवाने वालों के परिजनों को हर संभव मदद करने का आदेश दिया। इसके साथ ही जिनके घर इस आपदा में टूटे या उनमें मालवा आने से वो खराब हो गए है उनको ठीक कराने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने टिहरी जनपद के भिलंगना विकासखंड के बालगंगा एवं बूढ़ाकेदार क्षेत्र में हुई भारी बारिश और भूस्खलन को लेकर लगातार विधायक घनसाली श्री शक्ति लाल शाह एवं जिला अधिकारी टिहरी श्री मयूर दीक्षित से राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ले रहे हैं।… pic.twitter.com/ncBXWSq05t
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) July 28, 2024
ज्ञात हो कि उत्तराखंड में शनिवार को टिहरी और अन्य जगहों पर मूसलाधार बारिश हुई, जिसमें दो लोगों की जान चली गई। भारी बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है, भारी बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। भूस्खलन की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है. टिहरी के तिनगढ़ गांव में भूस्खलन से 15 आवासीय मकान मलबे में दब गए, हालांकि प्रशासन ने समय रहते इन घरों को खाली करा लिया था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन स्थितियों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है, उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ और भूस्खलन के हालातों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय और टिहरी डीएम मयूर दीक्षित को राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी तरीके से चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को घटनास्थल पर पहुंचकर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के हालात की समीक्षा करने को कहा। सीएम ने टिहरी प्रशासन को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्र के संवेदनशील गांवों को तत्काल चिह्नित कर प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए।
वहीँ मुख्यमंत्री धामी ने यह भी निर्देश दिए कि स्थानीय निवासियों के साथ ही मवेशियों एवं अन्य पालतू पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर रखे जाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि राहत कैंप में बिजली, पेयजल इत्यादि की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जाए और पीड़ितों को अनुमन्य राहत राशि भी तुरंत प्रदान की जाए।