लखनऊ में उत्तराखंड महोत्सव: सीएम योगी ने ‘उत्तराखंड दर्पण 2025’ का किया विमोचन, कहा—उत्तराखंड देश की भक्ति और शक्ति की धरती

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महोत्सव में पहुंचे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तराखंड के योगदान, संस्कृति और लोक परंपराओं को बताया राष्ट्र की धरोहर

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में रविवार को आयोजित उत्तराखंड महापरिषद के उत्तराखंड महोत्सव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत की। इस अवसर पर सीएम योगी ने ‘उत्तराखंड दर्पण 2025’ स्मारिका का विमोचन किया। कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित रहे।

योगी आदित्यनाथ बोले—उत्तराखंड की संस्कृति देश को एक करती है

सीएम योगी ने कहा कि उत्तराखंड की लोक-परंपरा, लोक-संस्कृति और लोक कला देश को जोड़ने वाली अमूल्य धरोहर हैं। उन्होंने कहा कि यदि उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को समेकित रूप से आगे बढ़ाया जाए तो इसका लाभ पूरे राष्ट्र को मिलेगा। यही विचार ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की अभिव्यक्ति है।

योगी ने कहा कि उत्तराखंड का नागरिक जिस भी राज्य में जाता है, अपनी अटूट देशभक्ति और कर्मनिष्ठता के कारण वह स्थानीय संस्कृति में समरस होकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देता है।

पंत, बहुगुणा, एनडी तिवारी और वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को किया याद

सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश और देश के विकास में उत्तराखंड में जन्मे महान नेताओं के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि

  • पंडित गोविंद बल्लभ पंत,

  • हेमवती नंदन बहुगुणा,

  • नारायण दत्त तिवारी,

ने अपनी सेवाओं से उत्तर प्रदेश और भारत के विकास की मजबूत नींव रखी।

योगी ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी की स्थापना, इस महान क्रांतिकारी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन का प्रतीक है।

सीडीएस जनरल बिपिन रावत का जिक्र

सीएम ने कहा कि भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और दूसरे सीडीएस दोनों ही उत्तराखंड की देन हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने देश को भक्ति भी दी, शक्ति भी—यह भूमि हमेशा राष्ट्र की सुरक्षा में अग्रणी रही है।

गंगा-यमुना से लेकर सरयू-शारदा तक—उत्तराखंड का जल देश की समृद्धि का आधार

सीएम योगी ने कहा कि मां गंगा, यमुना, सरयू और शारदा उत्तराखंड से निकलकर उत्तर प्रदेश की धरती को उपजाऊ और समृद्ध बनाती हैं। यही कारण है कि उत्तराखंड न केवल आध्यात्मिक रूप से, बल्कि भौगोलिक दृष्टि से भी भारत की जीवनदायिनी भूमि है।

लोक कला इतिहास को जीवित रखती है—योगी आदित्यनाथ

उन्होंने कहा कि संकट के समय लोक कला ही इतिहास को बचाए रखती है और भारत के गौरवशाली अध्यायों को संरक्षित करती है। विदेशी लेखकों ने भले कई ऐतिहासिक पन्नों को नज़रअंदाज़ किया, लेकिन लोक गायन और लोक परंपरा ने इन कथाओं को आज भी जीवित रखा है।

कौन होंगे सम्मानित

उत्तराखंड महापरिषद द्वारा इस वर्ष उत्तराखंड गौरव सम्मान के लिए निम्न विभूतियों का चयन किया गया है—

  • डॉ. सुरेश चंद्र (स्वदेशी उत्पाद एवं आजीविका)

  • डॉ. मंजू बाला (राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त—शिक्षा)

  • डॉ. चंद्र मोहन नौटियाल (विज्ञान)

  • प्रो. दीवान सिंह रावत (रसायन विज्ञान एवं अनुसंधान)

CM योगी ने कहा कि इन विभूतियों का सम्मान पूरे समाज के लिए प्रेरणा है।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा—उत्तराखंड महोत्सव लखनऊ की पहचान

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि लखनऊ में आयोजित उत्तराखंड महोत्सव अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान बना चुका है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड केवल प्राकृतिक सौंदर्य ही नहीं, बल्कि देश और विश्व को आध्यात्मिक दिशा देने वाली भूमि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे भारत की आध्यात्मिक राजधानी बताया है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, इतिहास और लोक परंपराएं ही इसकी असली आत्मा हैं, और उत्तराखंड महापरिषद इन परंपराओं को जीवित रखने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।


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