उत्तराखंड हाईकोर्ट से प्रदेश की धामी सरकार को बड़ी राहत मिली है, हाईकोर्ट ने सशर्त चारधाम यात्रा शुरू करने के निर्देश दिए हैं। चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले कोविड- नेगेटिव रिपोर्ट लानी जरूरी होगी। इसके अलावा देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल और देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

हाईकोर्ट ने 26 जून को कोरोना संक्रमण के खतरे और राज्य सरकारी की आधी-अधूरी तैयारियों के चलते चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद जुलाई में धामी सरकार चार हफ्ते की हाईकोर्ट स्टे के खिलाफ एसएलपी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। लेकिन जुलाई-अगस्त दो माह बीत जाने के बाद भी सरकारी वकील मामले की लिस्टिंग तक नहीं करा पाए। लिहाजा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापिस लेकर दोबारा 10 सितंबर को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां उसे राहत मिल गई।

 

चार धाम यात्रा के स्थगन से उत्तराखंड की आर्थिकी पर काफी बड़ा असर पढ़ा है। चार धाम यात्रा रोक देने से लोगों में काफी नाराजगी है।जो लोग चार धाम यात्रा खोले जाने का समर्थन कर रहे थे उनका तर्क था कि अगर भीषण कोरोना का है कुंभ मेला आयोजित हो सकता था तो फिर चार धाम यात्रा क्यों रोकी गई। चार धाम यात्रा को लेकर कांग्रेसी भी लाल हो गई थी और चार धाम यात्रा को खोले जाने की मांग कर रही थी । यात्रा को लेकर सरकार भी संशय में थी जबकि सरकार के ही लोग यात्रा खोलने के पक्ष में थे लेकिन पार्टी अनुशासन के कारण चुप्पी साधे हुए थे।

गुरूवार को हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा और सूबे की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर दाखिल कई याचिकाकर्ताओं में शुमार अधिवक्ता अभिजय नेगी ने हाईकोर्ट के फैसले पर कहा, ‘चारधाम यात्रा खोले जाने पर सभी पक्षकारों की सहमति है। अगर सरकार स्वास्थ्य ढांचे से सम्बंधित चाक-चौबन्ध तैयारियां पहले ही माननीय उच्च न्यायालय को अवगत करा देती तो यात्रा पर रोक की नौबत नही आती। उम्मीद करते हैं कि सरकार पुख्ता स्वास्थ्य व्यवस्था और सफाई व्यवस्था के साथ यात्रा को जारी रख पाएगी।

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