देहरादून, 16 जून 2025/ उत्तराखंड के 12 जिलों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण प्रस्तावों के अनंतिम प्रकाशन के बाद अब इस पर उठी आपत्तियों की जांच का दौर चल रहा है। राज्य सरकार को अब तक कुल 3000 से अधिक आपत्तियां प्राप्त हुई हैं, जिन्हें लेकर जिला प्रशासन गंभीरता से निपटारा कर रहा है।
जानकारी के अनुसार, हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में यह पंचायत चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। इस प्रक्रिया के तहत आरक्षण प्रस्तावों को पहले अनंतिम रूप से प्रकाशित किया गया था, जिस पर आम जनता, जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक दलों की ओर से आपत्तियां दर्ज कराई गईं।
18 जून को आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा, लेकिन उससे पहले आज और कल यानी 16 व 17 जून को जिलाधिकारी स्तर पर इन आपत्तियों का निस्तारण किया जा रहा है।
आपत्तियों का मुख्य आधार यह रहा कि कई लोगों का कहना है कि उनकी ग्राम पंचायत पिछली बार भी महिला के लिए आरक्षित थी, और इस बार फिर से इसे महिला के लिए ही आरक्षित कर दिया गया है। वहीं कुछ लोगों ने मांग की है कि उनके ग्राम, क्षेत्र या जिला पंचायत को एससी, एसटी या ओबीसी के लिए आरक्षित किया जाए, जबकि कुछ ने इसे सामान्य करने की मांग भी रखी है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सभी आरक्षण शासनादेश और निर्धारित मानकों के अनुसार तय किए गए हैं। इसके बावजूद प्राप्त आपत्तियों पर विधानुसार विचार किया जा रहा है।
जिलेवार आपत्तियों का विवरण:
-
ऊधमसिंह नगर – 800+ आपत्तियां (सर्वाधिक)
-
देहरादून – 302
-
अल्मोड़ा – 294
-
पिथौरागढ़ – 277
-
चंपावत – 337
-
पौड़ी – 354
-
चमोली – 213
-
रुद्रप्रयाग – 90
-
उत्तरकाशी – 383
-
टिहरी – 297
राज्य निर्वाचन विभाग का कहना है कि सभी आपत्तियों पर नियमानुसार निर्णय लिया जाएगा और इसके उपरांत 18 जून को अंतिम आरक्षण सूची प्रकाशित कर दी जाएगी, जिससे चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।