पलायन रोकथाम, सीमांत विकास और वाइब्रेंट विलेजेज कार्यक्रम की समीक्षा—सचिव धीराज गर्व्याल ने जनपदों को दी कार्ययोजना तेजी से तैयार करने की हिदायत
देहरादून। सचिव ग्राम्य विकास धीराज गर्व्याल ने शुक्रवार को सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना, मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम और वाइब्रेंट विलेजेज कार्यक्रम की व्यापक समीक्षा की। सचिव ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए ठोस और परिणाम-आधारित कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
आजीविका पर विशेष फोकस, हर विकासखंड में बनेगी एक मदर पोल्ट्री यूनिट
सचिव गर्व्याल ने स्पष्ट कहा कि नई कार्ययोजना का केन्द्र बिंदु आजीविका सृजन होना चाहिए। बैठक में निर्देश दिए गए कि—
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प्रत्येक चिन्हित विकासखंड में कम से कम एक मदर पोल्ट्री यूनिट स्थापित की जाए।
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स्थानीय स्तर पर मत्स्य पालन, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, सामुदायिक पर्यटन और कृषि प्रसंस्करण जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ पलायन रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए चेन-लिंक फेंसिंग
ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों से होने वाली फसल क्षति को पलायन का प्रमुख कारण बताते हुए सचिव ने सभी जिलों को चेन-लिंक फेंसिंग के प्रस्ताव तैयार करने को कहा। इससे किसानों की आजीविका सुरक्षित रहेगी और रिवर्स पलायन को बढ़ावा मिलेगा।
‘लखपति दीदी’ और स्वयं सहायता समूहों पर विशेष जोर
सचिव ने निर्देश दिया कि योजनाएँ तैयार करते समय शक्तिशाली स्वयं सहायता समूहों की भूमिका को केंद्र में रखा जाए।
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महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने के लक्ष्य के अनुरूप प्रशिक्षण, संसाधन और विपणन सहायता के प्रस्ताव शामिल किए जाएं।
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संचालित ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों के विपणन को और सुदृढ़ बनाया जाए तथा उनकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
सीमांत जनपदों की अलग समीक्षा
चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चम्पावत और उधम सिंह नगर जैसे सीमांत जनपदों की योजनाओं की अलग से समीक्षा की गई। सचिव ने कहा—
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बॉर्डर क्षेत्रों के लिए क्लस्टर आधारित ग्राम संतृप्तीकरण योजना तैयार की जाए।
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इन योजनाओं में मूलभूत सुविधाएँ, आजीविका गतिविधियाँ और स्वरोजगार शामिल हों।
वाइब्रेंट विलेजेज में बुनियादी सुविधाओं की दौड़
वाइब्रेंट विलेजेज कार्यक्रम के तहत निर्देश दिए गए कि हर सीमांत गांव को—
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सड़क
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4G टेलीकॉम कनेक्टिविटी
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टीवी कनेक्टिविटी
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और ग्रिड विद्युत
से पूर्ण रूप से संतृप्त किया जाए।
चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिलों को VVP-1 के गांवों की संतृप्तीकरण कार्ययोजना जल्द पोर्टल पर भेजने के निर्देश दिए गए। साथ ही प्रत्येक वीवीपी गांव के लिए समेकित पर्यटन विकास योजना भी तैयार की जाएगी।
ऑनलाइन पोर्टल एक सप्ताह में होगा शुरू
सचिव गर्व्याल ने बताया कि सभी योजनाओं के प्रस्ताव समय पर प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल को एक सप्ताह के भीतर क्रियाशील करने के निर्देश SPMU और ITDA को दिए गए हैं। इससे प्रस्ताव भेजने, स्वीकृति और मॉनिटरिंग की गति तेज होगी।
