2025 में उत्तराखंड को प्राकृतिक आपदाओं से 5000 करोड़ से अधिक का नुकसान, केंद्र की टीम करेगी आकलन
देहरादून। साल 2025 उत्तराखंड के लिए प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से बेहद भयावह साबित हुआ है। इस साल आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक राज्य को अब तक 5000 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक क्षति हो चुकी है। यह आंकड़ा वर्ष 2013 की केदारघाटी आपदा के बाद सबसे बड़ा नुकसान है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने विभिन्न जिलों और विभागों से नुकसान का ब्यौरा मंगवाकर रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब इस रिपोर्ट के आधार पर एक मेमोरेंडम तैयार कर भारत सरकार को भेजा जाएगा, ताकि केंद्र से आर्थिक मदद प्राप्त की जा सके। वहीं, नुकसान का आकलन करने के लिए भारत सरकार की ओर से गठित टीम अगले सप्ताह उत्तराखंड पहुंचेगी। यह टीम आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेगी।
अगस्त में 10 साल की सबसे ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, इस बार अगस्त माह में पिछले 10 वर्षों की सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। जहां सामान्यत: अगस्त में 300 से 350 मिमी बारिश होती है, वहीं इस साल 574 मिमी बारिश दर्ज की गई। अत्यधिक वर्षा के कारण कई क्षेत्रों में भूस्खलन, सड़कें टूटने और मकानों को क्षति जैसी घटनाएं हुईं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि सितंबर में भी सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जिससे नुकसान का खतरा और बढ़ सकता है।
अब तक 79 मौतें, 115 घायल
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 1 अप्रैल से अब तक राज्य में 79 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 115 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान यात्रा से बचना चाहिए, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा लगातार बना रहता है। साथ ही मैदानी इलाकों में जलभराव की समस्या भी गंभीर हो सकती है।
सुमन ने बताया कि विभागों से प्राप्त नुकसान की सूची को कंपाइल कर लिया गया है और केंद्र से आने वाली टीम को इसकी जानकारी दी जाएगी। टीम सोमवार या मंगलवार तक उत्तराखंड पहुंचेगी और प्रभावित इलाकों में जाकर स्थिति का आकलन करेगी।