उत्तराखंड के वीर सपूतों ने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। न जाने कितने ऐसे परिवार हैं जो अपने वीर सपूतों को खो चुके हैं। इस बीच भारत चीन सीमा पर उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ के कुमराड़ा गांव के राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए हैं। उनके निधन की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। शैलेंद्र सिंह भारतीय सेना की गढ़वाल स्काउट में राइफलमैन के पद पर तैनात थे। जानकारी के अनुसार, भारत-चीन सीमा के नीति घाटी की गोल्डुंग पोस्ट में तैनात राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत बीते दिनों गश्त कर रहे थे, इस दौरान ड्यूटी के दौरान वह वीरगति को प्राप्त हो गए।सैन्य अधिकारियों ने राइफलमैन शैलेंद्र के वीरगति को प्राप्त होने की सूचना फोन से जैसे ही उनके परिजनों को दी, वैसे ही गांव और पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। बलिदानी राइफलमैन शैलेंद्र कठैत के चाचा अतर सिंह कठैत के मुताबिक, सैन्य अधिकारियों ने उन्हें बताया कि शैलेंद्र बर्फ की चपेट में आ गया था। जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। बताया जा रहा है कि शैलेंद्र घर का इकलौता चिराग था। उनकी दो छोटी बहनें हैं। जबकि, दो महीने पहले ही राइफलमैन शैलेंद्र पिता कृपाल सिंह कठैत के निधन पर घर आए थे। यहां पिता का अंतिम संस्कार कर वापस ड्यूटी पर लौटे थे। उनके बलिदान से उसकी पत्नी अंजू और मां ध्यान देई का रो-रोकर बुरा हाल है। शैलेंद्र की पांच और एक वर्ष की दो छोटी बेटियां हैं।