फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए शीतकालीन सत्र हेतु बंद, इस वर्ष विदेशी पर्यटकों की संख्या रही रिकॉर्ड
चमोली (उत्तराखंड)। विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान शुक्रवार 31 अक्टूबर से शीतकालीन सत्र के लिए पर्यटकों की आवाजाही हेतु बंद कर दिया गया है। हर वर्ष की तरह इस बार भी घाटी 1 जून से खुली थी और पाँच माह तक देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। इस वर्ष कुल 15,924 पर्यटकों ने घाटी का दीदार किया, जिनमें 416 विदेशी पर्यटक शामिल रहे — यह अब तक की सबसे अधिक विदेशी पर्यटकों की संख्या है।

वन विभाग के अनुसार इस सत्र में ₹33,28,050 की आय अर्जित हुई। वहीं पिछले वर्ष घाटी में 19,401 पर्यटक पहुंचे थे, जिनसे विभाग को ₹39,40,850 की आय हुई थी। भारतीय पर्यटकों की संख्या में मामूली कमी जरूर आई, लेकिन विदेशी सैलानियों की बढ़ी उपस्थिति ने इस घाटी की वैश्विक लोकप्रियता को एक बार फिर साबित किया।
फूलों की घाटी वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि हाल ही में हुई समयपूर्व बर्फबारी के बाद घाटी में हर दिन आठ से दस पर्यटक पहुंच रहे थे। बर्फबारी से घाटी के प्राकृतिक दृश्य और भी मनमोहक हो गए थे। स्थानीय टूर ऑपरेटर संजय सती ने बताया कि इस बार पर्यटक मुख्य रूप से बर्फ का आनंद लेने और घाटी के प्राकृतिक स्लोप देखने पहुंचे।
वन विभाग और स्थानीय कारोबारियों ने घाटी के अंतिम दिन को विशेष बनाते हुए स्वच्छता अभियान भी चलाया। लौटते समय सभी ने घाटी में फैले कचरे को वापस लाकर “स्वच्छ फूलों की घाटी” का संदेश दिया।
सांख्यिकीय तुलना:
- 
वर्ष 2022 में कुल 20,830 पर्यटक, जिनमें 280 विदेशी थे। 
- 
वर्ष 2023 में कुल 13,161 पर्यटक, जिनमें 401 विदेशी शामिल रहे। 
- 
वर्ष 2024 में 19,401 पर्यटक, जिनमें 330 विदेशी आए। 
- 
वर्ष 2025 में 15,924 पर्यटक, जिनमें 416 विदेशी पर्यटक शामिल रहे — विदेशी आगंतुकों की अब तक की सबसे अधिक संख्या। 
उप प्रभागीय वनाधिकारी सुमन ने बताया कि शीतकाल में यह पूरा क्षेत्र बर्फ से ढक जाता है, इसलिए आम पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। वन विभाग की गश्त और निगरानी जारी रहेगी ताकि दुर्लभ वन्यजीवों जैसे कस्तूरा मृग और अन्य संवेदनशील प्रजातियों के प्राकृतिक आवास की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
फूलों की घाटी और निकटवर्ती हेमकुंड साहिब क्षेत्र बंद होने के बाद भ्यूंडार घाटी में अब सन्नाटा पसर गया है। होटल, ढाबा, डंडी-कंडी संचालक और स्थानीय लोग शीतकालीन प्रवास के लिए गोविंदघाट के पास पुलना गांव लौटने लगे हैं।
गौरतलब है कि फूलों की घाटी विश्व धरोहर स्थल के रूप में यूनेस्को की सूची में दर्ज है। यह घाटी हर वर्ष जून से अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है, जबकि नवंबर से मई तक बर्फबारी के कारण बंद रहती है।

 
								 
			 
			 
			