बद्रीनाथ मंदिर में दरार पड़ने की खबरों की क्या है सच्चाई, “बीकेटीसी” ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर किया स्पष्ट

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उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम से दरार को लेकर राहत भरी खबर है, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया कि बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में कोई नयी दरार नहीं देखी गयी है और ना ही मंदिर क्षेत्र में भू-धंसाव हो रहा है। गौर हो कि पिछले कुछ दिनों से बद्रीनाथ मंदिर में दरार पड़ने की खबरें लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। बीकेटीसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा बद्रीनाथ मंदिर के सिंहद्वार में पहले से आयी हल्की दरारों का मरम्मत कार्य चल रहा है। वर्तमान में कोई भी नयी दरार नहीं दिखी है।

हाल के कुछ दिनों में अचानक से एक खबर तेजी से वायरल होने लगी कि बद्रीनाथ मंदिर के मुख्य गेट में दरारें पड़ने लगी हैं। जिसके बाद बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा मंदिर के सिंहद्वार में पहले से आयी हल्की दरारों का मरम्मत कार्य किया जा रहा है और वर्तमान में वहां कोई नयी दरार नहीं देखी गयी है।

इस सम्बन्ध में बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय मीडिया को दिए गए एक बयान में बताते हैं कि “2022 में राज्य सरकार को पत्र लिखकर बदरीनाथ मंदिर के सिंहद्वार पर आयी हल्की दरारों के विषय में अवगत कराया था जिस पर कार्रवाई करते हुए उसने एएसआई से इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था, जिसके बाद अक्टूबर 2022 को एएसआई ने सिंह द्वार की दरारों पर ग्लास टाइल्स (शीशे की स्केलनुमा पत्तियां) फिक्स कर दी थीं, जिससे यह पता लग सके की दरार कितनी चौड़ी हुई हैं। 09 अगस्त, 2023 को ग्लास टाइल्स के अध्ययन के बाद एएसआई ने ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया था। हालांकि, इन दरारों में कोई खास बदलाव नहीं दिखा, जिसके बाद इस साल नौ अगस्त को एएसआई ने मरम्मत कार्य शुरू किया है। इस तरह स्पष्ट है कि सिंह द्वार पर दरारें बहुत पहले से हैं, जिसका ट्रीटमेंट कार्य किया जा रहा है।


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