उत्तराखंड में शीतकाल के दौरान चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने खास योजना तैयार की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर यात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। इसके साथ ही गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के होटलों में ठहरने पर 10 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में इस योजना का खाका खींचा। उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा के प्रचार-प्रसार को व्यापक स्तर पर बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु इन प्रवास स्थलों पर आ सकें। शीतकालीन चारधाम यात्रा न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी।
शीतकालीन प्रवास स्थलों का महत्व—
- केदारनाथ: रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर भगवान केदारनाथ का शीतकालीन निवास स्थान है।
- बदरीनाथ: भगवान बदरी और उद्धव जी की मूर्तियों की पूजा ज्योतिर्मठ और पांडुकेश्वर में की जाती है।
- गंगोत्री: मां गंगा मुखबा गांव में प्रवास करती हैं, जो भागीरथी नदी के तट पर स्थित है।
- यमुनोत्री: मां यमुना का शीतकालीन निवास खरसाली में है।
सरकार के विशेष प्रावधान—
- शीतकालीन यात्रा के दौरान जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में ठहरने वाले तीर्थ यात्रियों को 10% की छूट।
- सभी चारधाम प्रवास स्थलों पर यात्री सुविधाओं का विस्तार।
- यात्रा व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा और प्रचार-प्रसार।
अन्य प्रमुख निर्देश—
मुख्यमंत्री ने “रजतोत्सव सशक्त उत्तराखंड योजना” की अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और योजनाओं को समय पर लागू करने के निर्देश दिए। सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने और ड्रग्स मामलों में सख्त कार्रवाई करने की दिशा में भी आवश्यक नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए गए।
श्रद्धालुओं को मिलेगा नया अनुभव—
शीतकाल में कपाट बंद होने के बावजूद तीर्थयात्रियों को चारधाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के दर्शन का अवसर मिलेगा। यह पहल धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगी।