टेक होम राशन का ठेका एनसीसीएफ को दिए जाने पर महिला समूहों का विरोध, कांग्रेस की आंदोलन की चेतावनी

Our News, Your Views

उत्तराखंड में टेक होम राशन योजना को लेकर विवाद खड़ा हो गया हैउत्तराखंड में महिला स्वयं सहायता समूहों ने टेक होम राशन के ठेके को राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) को सौंपे जाने के निर्णय पर विरोध जताया है। उत्तराखंड महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने इस मामले को लेकर आज कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

कांग्रेस ने भी टीएचआर योजना को बंद करने पर सरकार पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। उत्तराखंड महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2013 से राज्य के लगभग 10 हजार महिला स्वयं सहायता समूह राज्य के महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अधीन आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और 6 माह से 3 साल तक के बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना से करीब 9 लाख से ज्यादा लोग लाभान्वित हो रहे हैं, और 2 लाख महिलाएं सीधे तौर पर इससे जुड़ी हुई हैं।अब सरकार द्वारा टेक होम राशन का काम इन महिला समूहों से छीनकर बड़े ठेकेदारों को सौंपने की तैयारी की जा रही है। महिला कांग्रेस ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है और राज्यभर में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

सरकार ने इस मसले पर अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है कि महिला समूहों की चिंताओं का निवारण  कैसे किया जाएगा, सरकार का दावा है कि यह कदम पोषण कार्यक्रम की सुदृढ़ता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि टीएचआर योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार के निर्देशों से संचालित की जाती है। राज्य सरकार को कई बार केंद्र सरकार द्वारा रिमाइंडर आ चुका है कि टेक होम योजना को केंद्र सरकार के नियमों के आधार पर ही संचालित किया जाए। उनका कहना है कि सरकार की इस योजना को बंद करने की कोई प्लानिंग नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार जो भी निर्देश देगी उसी के आधार पर योजना संचालित की जाएगी।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

टेक होम राशन योजना का काम राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) को सौंपने के निर्णय के पीछे सरकार की मंशा यह बताई जा रही है कि इससे टेक होम राशन की गुणवत्ता में सुधार होगा और आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकेगा। वहीँ महिला स्वयं सहायता समूह का आरोप है कि इस योजना को सरकार बंद करना चाहती है जिससे उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा।

बता दें की प्रदेश में तकरीबन 165 महिला स्वयं सहायता समूह टेक होम योजना के तहत राशन वितरित करती हैं, अब सरकार द्वारा टेक होम राशन का काम इन महिला समूहों से छीनकर बड़े ठेकेदारों को सौंपने की तैयारी की जा रही है। सरकार का यह रुख महिला स्वयं सहायता समूहों के हितों से टकरा रहा है, जो इस योजना से सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं।

 


Our News, Your Views