ऋषिकेश एम्स में फर्जी डॉक्टर बनकर घूम रहे एक युवक को सेवा वीरों ने पकड़ा, पुलिस कर रही जांच, मोबाइल पर लाखों का लेन-देन

ऋषिकेश एम्स में फर्जी डॉक्टर बनकर घूम रहे एक युवक को सेवा वीरों ने पकड़ा
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश एम्स में फर्जी डॉक्टर बनकर घूम रहे एक युवक को सेवा वीरों ने पकड़ा है। एम्स के प्रशासनिक अधिकारी ने तहरीर देकर युवक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के साथ गहन जांच पड़ताल के लिए भी कहा है। पुलिस ने युवक के विरुद्ध जाँच पड़ताल प्रारम्भ कर दी है।

फर्जी डॉक्टर के मोबाइल नंबर से 50 से अधिक रजिस्ट्रेशन एम्स में कराए गए हैं, जिसका डाटा बरामद कर लिया गया है। उसके मोबाइल से लाखों रुपए की कई लेने देन हुई है। इसके अलावा कई प्रकार के फर्जी दस्तावेज भी उसके मोबाइल में देखे गए हैं।

मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे एक युवक संदिग्ध परिस्थितियों में डॉक्टर की यूनिफॉर्म पहनकर घूमता नजर आया। डॉक्टर की वर्दी में घूम रहे शख्स पर जब सेवा वीरों को शक हुआ तो उन्होंने उससे पूछताछ की।

पूछताछ में सचिन कुमार नाम के फर्जी डॉक्टर का भांडा फूट गया। जिसके बाद एम्स के प्रशासनिक अधिकारी और कानूनी अधिकारी मौके पर आए और पूछताछ की।

एम्स के अधिकारियों की कड़ी पूछताछ में सचिन ने एम्स के अधिकारियों को बताया कि उसने कोविड -19 के दौरान डीआरडीओ के द्वारा तैयार किए गए अस्पताल में बतौर हॉस्पिटल अटेंडेंट के रूप में काम किया था। पूछताछ में युवक फर्जी रूप से डॉक्टर की यूनिफॉर्म पहनकर घूमना पाया गया। जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी संदीप कुमार ने एम्स चौकी पुलिस को लिखित शिकायत दी। युवक की पहचान सचिन कुमार निवासी कृष्णानगर कॉलोनी ऋषिकेश के रूप में हुई है।

देखने में आया है कि एम्स में इलाज कराने बड़ी संख्या में मरीज पहुँचते हैं और बेड की संख्या सीमित होने के कारण लोग ऐसे लोगों के जाल में फंसते नजर आते हैं जो इनकी मज़बूरी का फायदा उठा झूठे आश्वासन देकर मरीजों और उनके तीमारदारों को अपने झांसे में ले लेते हैं।

गौरतलब है कि 2018 में भी दिल्ली एम्स में एक फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया था, जो खुद को एम्स का डॉक्टर बताता था। उसका नाम अदनान खुर्रम था, लेकिन वह अपना नाम खुर्शीद बताता था। अदनान बिहार का रहने वाला था।


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