उत्तरकाशी में एवलांच में दबे प्रशिक्षु पर्वतारोहियों को अभी नहीं निकाला जा सका है। जिले के द्रौपदी डांडा-टू में एवलॉन्च हादसे के बाद क्रेवास में फंसे पर्वतारोहियों तक गुरुवार को भी रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच पाई है। आज सुबह जनपद मुख्यालय में हाई एटीट्यूड वेलफेयर स्कूल गुलमर्ग की रेस्क्यू टीम पहुंच गई है। निम के अनुसार अभी तक 16 शव बरामद हो चुके हैं। चार शव मंगलवार को मिले थे, 12 शव आज बरामद किए गए हैं। बरामद शवों में दो ट्रेनर और 14 ट्रेनिज के शव हैं। 13 पर्वतारोही अभी भी लापता हैं। खराब मौसम के कारण रेस्क्यू में बाधा उत्पन्न हो रही है।
आज सुबह जनपद मुख्यालय में हाई एटीट्यूड वेलफेयर स्कूल गुलमर्ग की रेस्क्यू टीम पहुंच गई है। उम्मीद है की अब जल्द ही बचाव कार्य में तेजी आएगी। यह अपने आप में एक विशेषज्ञ टीम है। क्योंकि पूरे देश में गुलमर्ग में एकमात्र ऐसा संस्थान है जहां बहुत अधिक ऊंचाई पर रेस्क्यू के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। पर्वत शिखर पर मंगलवार को हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद फंसे पर्वतारोहियों को बचाने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान भी जुटे हुए हैं।
खराब मौसम के कारण रेस्क्यू में बाधा उत्पन्न हो रही है, ITBP के पीआरओ ने बताया कि बरामद की गई लाशें बेस कैंप पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आज लाशों को नीचे लाए जाने की उम्मीद है। मिली जानकारी के अनुसार, खराब मौसम की वजह से लाशों को नीचे लाने में कठिनाई हो रही है। ITBP के पीआरओ ने बताया कि बचाव टीमें पूरा प्रयास कर रहीं हैं कि इन लाशों को बेस कैंप तक पहुंचाया जा सके।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अगले तीन दिन गढ़वाल मंडल के कुछ जनपदों में भारी बारिश की आशंका है। वहीं जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। डीएम अभिषेक रूहेला ने ट्रेकिंग व पर्वतारोहण दलों की सुरक्षा के मद्देनजर ट्रेकिंग व पर्वतारोहण गतिविधियां बंद रखने का निर्णय लिया है। आदेश के अनुसार इस दौरान किसी भी दल को ट्रेकिंग व पर्वतारोहण के लिए अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि उच्च हिमालय क्षेत्र में पहले से ट्रेकिंग व पर्वतारोहण के लिए गए दलों को भी मौसम संबंधी जानकारी दी जा रही है जिससे वे सुरक्षित स्थानों पर रुक सकें।
बता दें कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का 44 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन की चपेट में आ गया था। हिमस्खलन की सूचना मिलते ही निम के बेस कैंप में मौजूद टीम सबसे पहले हरकत में आई। यह टीम महज पांच घंटे में 22 किलोमीटर का दुर्गम सफर तय करते हुए घटनास्थल तक पहुंच गई और अपने साथियों को रेस्क्यू किया। द्रौपदी का डांडा में हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद सकुशल बचे प्रशिक्षक अनिल कुमार ने बताया कि घटना मंगलवार सुबह करीब आठ बजे की है।