जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड दौरे के वक्त आदि कैलास और ऊं पर्वत के दर्शन किए उसके बाद से पर्यटन के क्षेत्र में दोनों स्थानों को वैश्विक पहचान मिली है। अब आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधाएं और कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए पर्यटन विभाग और आईटीबीपी के बीच एमओयू किया गया है।
जल्द ही धार्मिक पर्यटन में नया अध्याय जुडने जा रहा है, सरकार केदारखंड से गढ़वाल के बाद अब मानसखंड मंदिर माला मिशन कुमाऊं की तस्वीर बदली जाएगी। शुक्रवार को सचिवालय में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को मानसखंड के मंदिरों व आदि कैलाश यात्रा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को गढ़वाल एवं कुमाऊं क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए कार्य करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, पुल निर्माण से संबंधित प्रस्ताव शीघ्र केंद्र को भेजने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश सरकार ने इन दोनों क्षेत्रों को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना में शामिल करने की तैयारी की है। ऐसे में दोनों स्थल चार धाम की तर्ज पर विकसित होंगे। बता दें कि आदि कैलाश, ऊं पर्वत, पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका जैसे धार्मिक स्थलों में आज भी पर्यटन सुविधाओं का अभाव है। आदि कैलाश पहुँचने मे तो सबसे बड़ी समस्या सड़क मार्ग है। धारचूला से गुंजी तक करीब 90 किमी सड़क अभी पर्याप्त चौड़ी नहीं है वहीं इस क्षेत्र का बहुत बड़ा इलाका अभी संचार सुविधाओं से भी वंचित है। मानस खंड योजना से इन समस्याओं के दूर होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलास और ऊं पर्वत दर्शन के लिए पहुंचने के बाद पर्यटन के क्षेत्र में दोनों स्थानों को वैश्विक पहचान मिली है। खबर है कि प्रधानमंत्री ने पिथौरागढ़ दौरे पर जिन योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है, उनकी मानीटरिंग पीएमओ से की जा रही है।