भारत में बैटरी, कैमरा और डिस्प्ले निर्माण को बढ़ावा: सरकार की 22,919 करोड़ रुपये की नई योजना

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नई दिल्ली/ भारत सरकार ने पैसिव इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स जैसे बैटरी, कैमरा मॉड्यूल और डिस्प्ले निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 22,919 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत लगभग 59,350 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है, जिससे देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और ‘मेड इन इंडिया’ को सशक्त किया जाएगा।

योजना के तीन प्रमुख चरण

सरकार की यह योजना तीन चरणों में कंपनियों को प्रोत्साहन प्रदान करेगी:

  1. ELI (Employment Linked Incentive): इस चरण में कंपनियों को उनके द्वारा सृजित रोजगार के आधार पर प्रोत्साहन दिया जाएगा।
  2. कैपेक्स सपोर्ट (Capex Support): उत्पादन क्षमता बढ़ाने और नई तकनीक अपनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
  3. टर्नओवर लिंक्ड इंसेंटिव (Turnover Linked Incentive): कंपनियों के टर्नओवर के आधार पर सब्सिडी दी जाएगी।

मेक इन इंडिया को मिलेगा नया आयाम

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना से मोबाइल, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, मेडिकल डिवाइसेज और अन्य क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, इससे देश में वैल्यू चेन मजबूत होगी और लाखों नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

जल्द होगी आधिकारिक लॉन्चिंग

मंत्री ने बताया कि योजना को अगले कुछ दिनों में आधिकारिक रूप से लॉन्च किया जाएगा। इस पहल के तहत कंपनियों को उनकी रोजगार क्षमता और उत्पादन क्षमताओं के आधार पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उद्योग जगत को मजबूती मिलेगी।

सरकार का फोकस: व्यापक सुधार और रणनीतिक योजनाएं

अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि यह योजना उद्योग जगत के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई है। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में सुधार लाना और लेबर रिफॉर्म्स के साथ उत्पादन में तेजी लाना है।

भारत को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम

इस नई नीति के तहत, भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स हब के रूप में उभर सकेगा। यह योजना न केवल अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगी, बल्कि रोजगार और स्वदेशी उत्पादन को भी बढ़ावा देगी।

यह योजना भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है।


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