एक तरफ उत्तराखंड कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है तो वहीं मानसून में प्रकृति भी कहर बरपाने में कोई कसर नही छोड़ रही है।
उत्तराखंड के हरिद्वार में प्रसिद्ध हर की पौड़ी पर देर रात आकाशीय बिजली गिरने कि वजह से ट्रांसफॉर्मर सहित एक बड़ी दीवार ध्वस्त हो गई। हालांकि इस हादसे में जान-माल का किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। कोरोना काल और रात का वक्त होने की वजह से यहां पर भीड़ नहीं थी।
हर की पौड़ी पर हुई इस घटना के बाद इस के रख-रखाव पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं, क्षेत्र के पूर्व पार्षद और बीजेपी नेता कन्हैया खेवड़िया का कहना है कि दीवार का ढहना पूरी तरह से विभागीय लापरवाही है। 30 फीट की रोड में 9 फीट के गड्ढे हैं, मनसा देवी के पहाड़ पर बनी हुई रोड है। मिट्टी का पहाड़ है। कल बारिश ज्यादा हुई और रिसाव के कारण ये दीवार ढही इसकी जांच होनी चाहिए। निगम की बैठकों में कई बार अधिकारियों को सूचित किया जा चुका है कि बिना किसी ब्लू प्रिंट के खुदाई की जा रही है लेकिन विभाग सिर्फ काम पूरा करने में तुला है।
वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी स्वयं हर की पौड़ी पर निरीक्षण करने पहुंचे।
वहां मौजूद लोगों का कहना है कि उन्होंने रात में आकाशिय बिजली गिरती देखी है लेकिन वे इसमे विभाग की लापरवाही भी देख रहे हैं। गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का कहना है कि आकाशीय बिजली गिरने से यह हादसा हुआ है लेकिन साथ ही दीवार में पानी का रिसाव भी था, जिस वजह से दीवार हल्की हुई,और बिजली की कम्पन से ढह गई।
वहीं अधिकारी भी इस घटना की जांच में जुट गए हैं, अपर मेलाधिकारी डॉक्टर ललित नारायण मिश्रा ने बताते हैं कि टेक्निकल टीम को आदेश दे दिए गए हैं। टेक्निकल टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। फिलहाल हर की पौड़ी की व्यवस्था ठीक करने के लिए आदेश दे दिए हैं।
One thought on “आपदा और आरोप-हर की पौड़ी”