‘डेडपूल एंड वुल्वरीन’ की धूम मची हुई है। इस फिल्म ने पहले वीकेंड में दुनियाभर में धूम मचा दी है। एक तरफ जहां सिनेमाघरों में मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स (MCU) के फैंस की सीटियां गूंज रही हैं, वहीं बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म छप्पर फाड़ कमाई कर रही है। पहले वीकेंड में इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड 438.30 मिलियन डॉलर (3669 करोड़ रुपये) का ग्रॉस कलेक्शन किया है। जबकि भारतीय बॉक्स ऑफिस पर भी इसने ‘थॉर: लव एंड थंडर’ और ‘ब्लैक पैंथर: वकांडा फॉरएवर’ जैसी फिल्मों को पछाड़ दिया है।
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे – तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे। सच्ची दोस्ती को समझने वाले जिनको भी ये गाना समझ में आता है उनको दोस्ती का नेक्स्ट लेवल देखने के लिए इस फ़िल्म को देखना चाहिए। अगर किसी को आपको ना चाहते हुए भी दोस्त बनाना पड़े और जब दोस्ती हो ही जाये तो उसके लिए अपनी जान भी दांव पे लगानी पड़े तो कोई टेंशन नहीं। ये बात आपको फ़िल्म से बखूबी समझ में आएगी।
कॉमिक्स की दुनिया को सिनेमा में इमोशनली ऐड करती हुई इस फ़िल्म ने मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स (एमसीयू) में एक बार फिर “डेडपूल एंड वूल्वरिन” के साथ खुद को आगे बढ़ाया है, एक ऐसी फिल्म जो न केवल दो अपने सबसे फेवरेट कैरेक्टर को एक साथ लाती है बल्कि हर संभव तरीके से उम्मीदों से बढ़कर बन गई है।
रयान रेनॉल्ड्स, ह्यू जैकमैन, एम्मा कोरिन, मोरेना बैकारिन, रॉब डेलाने, लेस्ली उग्गाम्स, आरोन स्टैनफोर्ड, मैथ्यू मैकफैडेन जैसे कलाकारों से सजी ये फ़िल्म फैन्स को जॉ ड्रॉपिंग मोमेंट दे रहें हैं। कुछ ने तो यहाँ तक भी कह दिया “This is not just the movie of the year – it’s the movie of a lifetime.” अपने किरदारों पर कम्पलीट रिसर्च और जनता क्या देखने आई है फिल्म निर्माताओं ने इस बात का पूरा ध्यान रखा और इनपर काम भी किया है। जो अभी भारतीय सिनेमा में होना बाक़ी है।
शॉन लेवी के बेहतरीन और बेजोड़ “ब्रेकिंग द फोर्थ वाल” स्टाइल डायरेक्शन के साथ साथ जॉर्ज रिचमंड की मास्टरफुल सिनेमेटोग्राफ़ी ने इस फ़िल्म को मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स (एमसीयू) में नक्षत्रों की तरह सजा कर रख दिया है, ओपनिंग से ही इस फिल्म ने ऑडियंस को पकड़ लिया और हीरे की तरह तराशे हुए डायलॉग और खुनमखुन रोमांचकारी एक्शन सीक्वेंस ने सबको अंत तक कुर्सी से बांध दिया इसमें इंटरवल भी एक बोझ जैसे लग रहा था।
डेडपूल और वुल्वरीन के किरदारों को सहजता से एक दूसरे से संवाद के ज़रिए मिलते हुए जुड़ते हुए, लड़ते हुए देखना और उनके साथ इमोशनली अटैच्ड हो जाना फ़िल्म की खासियत है। अलग अलग यूनिवर्स में डेडपूल और वुल्वरीन के मल्टिपल वेरियेंट्स भी मज़ेदार लग रहे हैं। पास्ट इनसीडेंट्स को बड़े क़रीने से इस फिल्म में संजोया गया है और जितने भी केमियो आये है उनका एक अलग ही मज़ा बन रहा है। अगर आप उन किरदारों को जानते होंगे तो आपकी पुरानी यादें ताज़ा हो जायेंगी।
Rob Simonsen का म्यूजिक जितना है फ्रेश और एपिक है उतना ही क्लासिक भी है। यहाँ भी आने के लिए अपने को अभी दर्जनों म्यूजिक डायरेक्टर लगेंगे। समा बांधना किसे कहते है ये जानने के लिए डेडपूल और वुल्वरीन ज़रूर देखनी चाहिए केवल वयस्कों को बस। हिन्दी में या अंग्रेज़ी में वो आपकी मर्ज़ी है पर मज्जा दोनों में आएगा। फिल्म का आखिरी मकसद – आपका मनोरंजन करना – भरपूर मनोरंजन।