चीन की सरकारी मीडिया Global Times ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कुछ ऐसे दावे प्रकाशित किए जो पूरी तरह अप्रामाणिक और असत्य थे। जवाब में बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने Global Times को सीधे X (पूर्व Twitter) पर टैग करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी:
“प्रिय ग्लोबल टाइम्स न्यूज, कृपया किसी भी भ्रामक सूचना को आगे बढ़ाने से पहले तथ्यों की पुष्टि करें और अपने स्रोतों की जांच करें।“
दूतावास ने यह भी कहा कि बिना पुष्टि के किसी सैन्य कार्रवाई से संबंधित रिपोर्टिंग न केवल पत्रकारिता के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है, बल्कि इससे आतंकवाद को परोक्ष समर्थन मिलता है।
पाकिस्तान का पुराना पैंतरा – फर्जी तस्वीरों का सहारा
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया खातों ने एक पुरानी तस्वीर वायरल की जिसमें यह दावा किया गया कि पाकिस्तान ने एक भारतीय राफेल जेट मार गिराया है। इस पर भारत सरकार के PIB Fact Check ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि वायरल तस्वीर 2021 में मोगा, पंजाब में हुए मिग-21 क्रैश की है। इससे यह साफ हुआ कि पाकिस्तान एक बार फिर भ्रामक सूचना और भ्रम फैलाने की नीति अपना रहा है।
भारत की कूटनीतिक चेतावनी: ‘प्रोपेगेंडा से दूर रहें’
भारतीय दूतावास ने स्पष्ट किया कि Global Times जैसी संस्थाएं यदि बिना पुष्टि के रिपोर्ट प्रसारित करती हैं तो वह अनजाने में पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा का हिस्सा बन जाती हैं। भारत ने चीन को चेतावनी दी कि वह पाकिस्तान के “टेरर नैरेटिव” को बढ़ावा न दे और वैश्विक पत्रकारिता मानकों का पालन करे।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
6 मई की रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच, भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत PoK और पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 9 ठिकानों पर सर्जिकल एयरस्ट्राइक की। रक्षा सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में करीब 90 आतंकवादियों की मौत हुई। हमलों के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने सीमा पार गोलीबारी की जिसमें 15 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई।
युद्ध के दौरान ‘सूचना युद्ध’ भी अहम
सैन्य संघर्षों के दौर में अक्सर सूचना युद्ध (Information Warfare) की भूमिका भी निर्णायक होती है। ऐसे समय में जब किसी देश की मुख्यधारा मीडिया ही बिना पुष्टि के खबरें फैलाती है, तो यह न केवल भ्रामक पत्रकारिता कहलाती है बल्कि इससे कूटनीतिक संबंधों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
ऑपरेशन सिंदूर ने जहां एक ओर भारत की सैन्य तैयारी और आतंक के खिलाफ प्रतिबद्धता को दर्शाया, वहीं इसने मीडिया की जिम्मेदारी और सूचना के प्रति सजगता की भी आवश्यकता को उजागर किया। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह न केवल सीमा पर बल्कि सूचना के मोर्चे पर भी झूठ और प्रोपेगेंडा का डटकर मुकाबला करेगा।