उत्तरकाशी, 24 अक्टूबर/ उत्तरकाशी में मस्जिद को हटाने की मांग को लेकर संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ की ओर से गुरुवार को एक जनाक्रोश रैली निकाली गई। रैली के दौरान जय श्री राम के नारों के बीच प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। रैली में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद को अवैध बताते हुए इसे हटाने की मांग की। हालांकि, जिला प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट किया है कि मस्जिद सरकारी भूमि पर अवैध रूप से नहीं बनी है।
प्रशासन की रिपोर्ट पर भी नहीं थमा आक्रोश—
उत्तरकाशी के उपजिलाधिकारी मुकेश चंद रमोला की ओर से जारी रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि मस्जिद जिस भूमि पर स्थित है, वह भूमि वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज है। इस मस्जिद का उल्लेख उत्तर प्रदेश सरकार के मुस्लिम वक्फ विभाग, लखनऊ द्वारा 20 मई 1987 के सरकारी गजट में भी है। रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद का खसरा, रक्वा और नाली सुन्नी वक्फ के धार्मिक उद्देश्य के रूप में दर्ज है। इसके बावजूद, धार्मिक संगठन इस रिपोर्ट को मानने के लिए तैयार नहीं है और मस्जिद को अवैध बताते हुए उसे हटाने की मांग पर अड़ा हुआ है।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प, लाठीचार्ज के बाद तितर-बितर हुई भीड़—
रैली के दौरान पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। सिंगल तिराहा, भटवाड़ी रोड और भैरव चौक पर बैरियर लगाए गए थे ताकि भीड़ को मस्जिद की ओर बढ़ने से रोका जा सके। लेकिन प्रदर्शनकारी पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे, जिससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान भीड़ ने पथराव कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें तितर-बितर किया।
बाजार बंद, चारधाम यात्रा पर असर—
रैली के कारण उत्तरकाशी और डुंडा बाजार पूरी तरह बंद रहे। प्रदर्शनकारियों के दबाव में सुबह खुली कुछ दुकानों को भी बंद करवा दिया गया। इस बंदी का असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ा, क्योंकि तीर्थयात्रियों को बाजार में चाय-पानी जैसी मूलभूत चीजें तक उपलब्ध नहीं हो पाईं। प्रशासन ने यात्रियों के वाहनों को पहले ही बड़ेथी मनेरा तेखला बाईपास की ओर डायवर्ट कर दिया था ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस अलर्ट—
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव के निर्देशन में उत्तरकाशी में फ्लैग मार्च भी निकाला गया। उन्होंने कहा कि पुलिस कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, और असामाजिक तत्वों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। साथ ही, उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर भ्रामकता फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।