देहरादून / शहर के पॉश इलाके अलकनंदा एन्क्लेव में पूर्व इंजीनियर अशोक कुमार गर्ग की हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। इस ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाने के लिए पुलिस ने 750 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले और 500 से ज्यादा ई-रिक्शा की जांच की। चार दिन की अथक जांच के बाद पुलिस ने हत्या में शामिल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
हत्या की वजह: लूट और पहचान उजागर होने का डर–
76 वर्षीय अशोक कुमार गर्ग, ओएनजीसी से सेवानिवृत्त अभियंता, अकेले अपने मकान में रहते थे। उनके घर का ग्राउंड फ्लोर किराए पर देने के लिए खाली था। दो आरोपी नवीन कुमार चौधरी और अनंत जैन ने इसी कमरे को देखने के बहाने बुजुर्ग से मुलाकात की। घर में अकेलेपन और बैंक खाते में बड़ी रकम की जानकारी पाकर उन्होंने लूट की योजना बनाई।
ऐसे रची गई साजिश—
नवीन कुमार, जो पेस्ट कंट्रोल का काम करता था, और अनंत जैन, जो फाइनेंस से जुड़े थे, दोनों आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। नवीन की गर्भवती पत्नी के लिए ग्राउंड फ्लोर पर किराए का कमरा ढूंढने के बहाने, दोनों 9 दिसंबर को अशोक कुमार के घर पहुंचे। बातचीत के दौरान उन्होंने बैंक पासबुक में खाते की रकम देखी और लूट की योजना बनाई।
डराकर पासवर्ड मांगा, मना करने पर हत्या—
शाम को दोनों ने दोबारा अशोक कुमार से मुलाकात की और उन्हें घर के पिछले हिस्से में ले गए। वहां उन्होंने अशोक को डरा-धमकाकर पैसों की मांग की। जब अशोक ने नकद पैसे न होने और एटीएम पासवर्ड न बताने की बात कही, तो आरोपियों ने पेपर कटर से उनके गले और सीने पर वार कर उनकी हत्या कर दी।
कैसे पकड़े गए आरोपी?—
घटना स्थल पर कोई सीसीटीवी न होने के कारण पुलिस ने आसपास के इलाकों की फुटेज खंगाली। लाल रंग की एक ई-रिक्शा और संदिग्ध स्कूटी के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची। स्कूटी की जांच में पुलिस ने नवीन और अनंत का सुराग पाया और माउंट फोर्ट एकेडमी के पास एक फ्लैट से उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बरामद किए सबूत—
आरोपियों के पास से अशोक का एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, 1500 रुपये नकद, पर्स और घटना में प्रयुक्त स्कूटी बरामद हुई। हत्या के समय पहने गए कपड़े और पेपर कटर को आरोपियों ने गुमराह करने के लिए सूखे नाले में फेंक दिया था, जिन्हें भी पुलिस ने बरामद कर लिया।
पुलिस टीम को मिला इनाम—
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस जटिल केस को सुलझाने वाली पुलिस टीम को 25-25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि घटना के खुलासे में तकनीकी और जमीनी जांच का अद्भुत समन्वय देखने को मिला।
बुजुर्ग अशोक कुमार की पारिवारिक स्थिति—
अशोक कुमार गर्ग की पत्नी का पांच वर्ष पहले निधन हो चुका था, और उनकी दो बेटियां अलग-अलग शहरों में रहती हैं। घटना के दिन वह अपने मकान का किराए पर देने वाला कमरा रंग-रोगन करा रहे थे।
इस केस ने देहरादून जैसे शांत शहर को झकझोर दिया है, लेकिन पुलिस की त्वरित और सटीक कार्रवाई ने न्याय सुनिश्चित किया।