उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में शनिवार सुबह करीब 9 बजे धारचूला-तवाघाट नेशनल हाईवे पर चेतुलधार के पास भारी भूस्खलन हुआ। पहाड़ी दरकने से हाईवे बंद हो गया, जिससे दोनों ओर दर्जनों वाहन फंस गए। राहत की बात यह रही कि भूस्खलन के समय कोई भी वाहन मौके पर नहीं था, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
प्रशासन ने संभाली कमान—
घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम मंजीत सिंह और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि धारचूला के एसडीएम और बीडीओ को मौके पर भेजा गया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) मलबा हटाकर सड़क को खोलने के काम में जुटा है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही यातायात बहाल किया जाएगा।
सीएम ने दिया शीघ्र कार्रवाई का निर्देश—
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर ट्वीट कर जानकारी दी कि तवाघाट-धारचूला नेशनल हाईवे पर भूस्खलन से यातायात प्रभावित हुआ है। उन्होंने राहत की खबर साझा की कि किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। सीएम ने जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मलबा हटाने और मार्ग खोलने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं।
भूस्खलन का कारण—
बताया गया है कि हाईवे निर्माण में लगी हिलवेज कंपनी द्वारा चट्टानों को तोड़ने के लिए बारूदी विस्फोट किया गया था। इस कारण पूरी चट्टान खिसक गई और भूस्खलन हो गया। इस दौरान क्षेत्र में धूल का गुबार छा गया और वहां मौजूद सैकड़ों लोग अपनी जान बचाने के लिए भागते दिखे।
पिथौरागढ़ जिले के तवाघाट-धारचूला नेशनल हाइवे पर हुई लैंड स्लाइड से यातायात प्रभावित होने की सूचना मिली है। राहत की खबर है कि किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। मलबे को हटाने के लिए त्वरित कदम उठाए जाने के साथ जिला प्रशासन व संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द मार्ग को खोलने के… pic.twitter.com/dhL5KQ5tDP
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 21, 2024
स्थिति नियंत्रण में, जल्द खुलेगा हाईवे—
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और बीआरओ की मेहनत से जल्द ही हाईवे पर यातायात सुचारू होने की उम्मीद है। हालांकि, इस घटना ने हाईवे निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।