उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज बयान जारी कर कहा कि राज्य में अवैध मदरसों के साथ-साथ उनकी फंडिंग की भी जांच की जाएगी। शासन के निर्देशों के बाद जिलों में जिला प्रशासन ने मदरसों की जांच शुरू कर दी है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक राजेंद्र कुमार के मुताबिक, जांच में यह देखा जा रहा है कि ये मदरसे पंजीकृत हैं या नहीं और उनकी आय के स्रोत क्या हैं। जिला प्रशासन जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।
अलपसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ऊधमसिंह नगर जिले में 129 अवैध मदरसे संचालित हो रहे हैं, जबकि देहरादून जिले में भी कई अवैध मदरसे पाए गए हैं। यह मदरसे मदरसा बोर्ड से पंजीकृत नहीं हैं। इन अवैध मदरसों में बच्चे उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से भी आए हुए हैं।
उधर, उत्तर प्रदेश में अवैध मदरसों के खिलाफ सख्ती के बाद कई ऐसे मदरसे उत्तराखंड में सक्रिय हो गए हैं। इस संदर्भ में पूर्व में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में भी देहरादून में अवैध मदरसे पाए गए थे। आयोग ने सभी मदरसों को बंद करने के निर्देश दिए थे।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य में अवैध मदरसों और अतिक्रमण पर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। यह सत्यापन अभियान अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की देखरेख में किया जाएगा और जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों द्वारा इस जांच को सख्ती से अंजाम दिया जाएगा।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने राज्य पुलिस को मदरसों की जांच करने के आदेश दिए हैं। उत्तराखंड पुलिस की एलआईयू यूनिट राज्यभर में मदरसों की जानकारी जुटा रही है। इसके परिणामस्वरूप कई जिलों, जैसे उधमसिंह नगर और देहरादून में दर्जनों अवैध मदरसों का संचालन सामने आया है।
उत्तराखंड के जिलाधिकारी सविन बंसल के अनुसार, देहरादून में 35 अवैध मदरसे मिले हैं, जिनमें लगभग 3,000 बच्चे पढ़ रहे हैं। इन मदरसों में से 18 मदरसे विकास नगर क्षेत्र में स्थित हैं। देहरादून जिले में कुल 90 मदरसे हैं, जिनमें 9,000 से ज्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि सभी अवैध मदरसों को तुरंत बंद किया जाएगा और बच्चों की पढ़ाई में कोई विघ्न न आए, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।
प्रदेश में अवैध मदरसों के खिलाफ जारी इस अभियान से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी और ऐसी संस्थाओं के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।