उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र हंगामे के बीच स्थगित, ई-विधान प्रणाली का शुभारंभ

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देहरादून, 18 फरवरी / उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र हंगामे के बीच शुरू हुआ और विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन के कारण पहले ही दिन कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सत्र के दौरान दो विधेयक और तीन अध्यादेश सदन पटल पर लाए जाएंगे, जबकि 20 फरवरी को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल बजट पेश करेंगे।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल गुरमीत सिंह के अभिभाषण को सरकार का “रोडमैप” करार दिया और विपक्ष के हंगामे को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य का यह 25वां वर्ष ‘रजत जयंती’ के रूप में मनाया जा रहा है और सरकार नए नवाचारों एवं विकास योजनाओं को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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विपक्ष का विरोध और सदन में हंगामा— राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी विधायकों ने सदन में हंगामा किया। कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसे मुख्यमंत्री धामी व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने शांत कराया। विपक्ष ने विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की, जिसे लेकर लगातार दबाव बनाया गया।

भू-कानून और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार की नीति— मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार प्रदेश की भावनाओं के अनुरूप कार्य कर रही है और भू-कानून उनमें से एक अहम विषय है। इसके अलावा, उन्होंने उत्तराखंड को यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बताया और कहा कि यह ऐतिहासिक कदम पूरे देश के लिए मिसाल बनेगा।

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ई-विधान प्रणाली का शुभारंभ— इस बजट सत्र से उत्तराखंड विधानसभा को डिजिटल और पेपरलेस बनाने के लिए नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (NeVA) प्रणाली लागू की गई है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण की उपस्थिति में मुख्यमंत्री धामी ने इस एप्लीकेशन का लोकार्पण किया। अब विधायकों को कार्यसूची, प्रश्नों के उत्तर और अन्य दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे विधानसभा की कार्यवाही अधिक प्रभावी और पर्यावरण अनुकूल होगी।

विधानसभा कूच और विरोध प्रदर्शन— बजट सत्र के पहले दिन विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने मूल निवास, भू-कानून और रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर विधानसभा कूच किया। पुलिस ने रिस्पना पुल के पास प्रदर्शनकारियों को रोक दिया, जिससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की हुई। एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्ला संगठन के सदस्यों ने भी परेड ग्राउंड से विधानसभा कूच किया और रोजगार एवं पेंशन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के मीडिया कोऑर्डिनेटर हरीश कोठारी को ज्ञापन सौंपा गया और जल्द वार्ता कराने का आश्वासन दिया गया।

आगे की कार्यवाही— 20 फरवरी को राज्य का बजट पेश किया जाएगा, जिसमें प्रदेश की विकास योजनाओं और नई नीतियों की झलक देखने को मिलेगी। सरकार ने विपक्ष से अपील की है कि सदन की गरिमा बनाए रखें और राज्य की उन्नति में सहयोग करें।


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