चारधाम यात्रा 2025: केदारनाथ और यमुनोत्री मार्ग पर 4300 से अधिक घोड़े-खच्चर संचालक देंगे सेवाएं, फिटनेस सर्टिफिकेट के बाद ही अनुमति

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उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का शुभारंभ बुधवार से गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ हो गया है। हर साल लाखों श्रद्धालुओं के आस्था के इस महापर्व से प्रदेश की आर्थिकी को नया संबल मिलता है। यात्रा से होटल, लॉज, परिवहन से लेकर घोड़े-खच्चर संचालकों तक हजारों परिवारों की रोज़ी-रोटी चलती है। इस बार भी यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई हैं, खासकर केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के लिए।

केदारनाथ मार्ग पर 5000 से अधिक घोड़े-खच्चर पंजीकृत

केदारनाथ धाम के लिए तीर्थयात्रियों को गौरीकुंड से 18 किमी लंबा दुर्गम पैदल मार्ग तय करना होता है, जहां घोड़े और खच्चर उनकी बड़ी मदद करते हैं। इस बार अब तक 2493 संचालकों द्वारा 5000 से अधिक घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण कराया गया है। पशुपालन विभाग द्वारा इन सभी जानवरों का स्वास्थ्य परीक्षण कर फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया गया है।

पैदल मार्ग पर पशु चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने के लिए सोनप्रयाग, गौरीकुंड, लिंचौली और केदारनाथ में अस्थायी पशु चिकित्सालय बनाए गए हैं। इसके अलावा 5 डॉक्टर और 7 पैरावेट भी नियुक्त किए गए हैं। 13 स्थानों पर गर्म पानी की व्यवस्था यात्रियों और जानवरों की सहूलियत के लिए की गई है।

3700 से अधिक घोड़े-खच्चर यमुनोत्री मार्ग पर तैनात

यमुनोत्री धाम के लिए भी 3700 से अधिक घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण किया गया है। जानकीचट्टी में एक अस्थायी पशु चिकित्सालय स्थापित किया गया है, जहां 4 पशु चिकित्सक, 4 पशुधन प्रसार अधिकारी और 2 पशुधन सहायक तैनात हैं। यात्रा मार्ग पर कुल 6 गीजर लगाए गए हैं ताकि जानवरों की सफाई व देखभाल में सहूलियत हो।

प्री-पेड बुकिंग सिस्टम और सुरक्षा प्रबंध

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए केदारनाथ मार्ग पर सोनप्रयाग, गौरीकुंड, भीमबली, लिचौंली और रुद्र प्वाइंट में पांच प्रीपेड बुकिंग काउंटर बनाए गए हैं। वहीं यमुनोत्री के लिए जानकीचट्टी में जिला पंचायत द्वारा प्रीपेड काउंटर स्थापित किया गया है।

यमुनोत्री में घोड़े-खच्चर संचालकों को नंबर युक्त जैकेट दिए गए हैं और उन्हें प्रतिदिन एक बार ही धाम तक आने-जाने की अनुमति होगी। इससे अव्यवस्था और जानवरों पर अत्यधिक दबाव को रोका जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क्या कहा?

“श्रद्धालुओं की यात्रा सुखद और सुरक्षित हो, इसके लिए राज्य सरकार सड़क, हेलीकॉप्टर और घोड़े-खच्चरों जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। पशुपालन विभाग को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि केवल पूरी तरह स्वस्थ जानवरों को ही यात्रा में भेजा जाए,” – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

नोट: घोड़े-खच्चरों की सेवाएं लेने वाले यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे केवल पंजीकृत संचालकों से ही सेवा लें और हेल्पलाइन नंबरों से संपर्क में रहें।


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