यात्रा साहित्य को समर्पित जीवन: ह्यू गैंटज़र और कोलीन गैंटज़र को पद्मश्री सम्मान, एक युग की पहचान
मसूरी/नई दिल्ली / द माउंटेन स्टोरीज़/ भारत के प्रतिष्ठित यात्रा लेखक दंपती ह्यू गैंटज़र और कोलीन गैंटज़र को वर्ष 2025 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें भारत की सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक स्थलों और जनजीवन को गहराई और संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करने के लिए प्रदान किया गया।
स्वास्थ्य कारणों से 94 वर्षीय ह्यू गैंटज़र पुरस्कार ग्रहण करने दिल्ली नहीं जा सके। उनकी स्थिति को देखते हुए उत्तराखंड सरकार के सचिव शैलेश बगौली विशेष रूप से मसूरी स्थित उनके आवास पहुंचे और उन्हें यह सम्मान वहीं सौंपा।
कोलीन गैंटज़र को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया, जिनका हाल ही में निधन हुआ था।
कौन हैं ह्यू और कोलीन गैंटज़र?
1950 के दशक से सक्रिय यह लेखक दंपती भारत के यात्रा साहित्य के अग्रदूतों में गिने जाते हैं।
ह्यू गैंटज़र भारतीय नौसेना में अधिकारी के रूप में सेवा देने के बाद पत्रकारिता की ओर मुड़े। उनकी लेखनी में तथ्यात्मक तीव्रता, ऐतिहासिक दृष्टिकोण और आलोचनात्मक संतुलन देखा गया।
कोलीन गैंटज़र की लेखन शैली में कोमलता, मानवीय दृष्टिकोण और भावनात्मक जुड़ाव प्रमुख रहा।
दोनों की लेखन जोड़ी ने दशकों तक देश-विदेश में भारत की सकारात्मक और गहन छवि प्रस्तुत की, जिसमें पर्यटन, संस्कृति, खानपान, हस्तशिल्प और ग्रामीण जीवन जैसे विषय प्रमुख थे।
प्रमुख रचनाएँ और योगदान
- The Gantzers’ Travelogue –
यह उनका सबसे प्रसिद्ध कॉलम था, जो कई राष्ट्रीय अखबारों में प्रकाशित हुआ। इसमें भारत के लगभग हर कोने की यात्राएं और उनसे जुड़ी अनुभवपूर्ण कहानियाँ थीं। - Doordarshan Travel Documentaries –
1980-90 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित उनकी यात्रा वृत्तांत श्रृंखलाएं दर्शकों में अत्यंत लोकप्रिय रहीं।
उनके कार्यक्रमों के माध्यम से पहली बार आम भारतीयों ने कैमरे की आँख से लद्दाख, नागालैंड, अंडमान-निकोबार, और तंजावुर जैसे क्षेत्रों की गहराई से झलक देखी। - Books Authored –
- “Discover India”
- “India File: Gantzers’ Eye-View of the Nation”
- “The Penguin Book of Indian Journeys”
- “More Than Meets the Eye”
- “A World Apart – The Andaman Islands”
इन पुस्तकों में यात्रा को केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आत्मिक अनुभव के रूप में प्रस्तुत किया गया।
भारत को शब्दों में समेटने वाले
ह्यू और कोलीन की लेखनी ने भारतीय पाठकों को यह सिखाया कि यात्रा केवल दूरी तय करना नहीं, बल्कि अपनी ही मिट्टी को नये नजरिए से देखना है। उनकी कहानियों में लोक संस्कृति, सामान्य जन का संघर्ष, विविध भाषाएं, और नायाब विरासतों की महक होती थी।
उनका योगदान केवल यात्रा वृत्तांतों तक सीमित नहीं रहा; उन्होंने पर्यटन को लोकसंस्कृति और जनचेतना से जोड़ने का कार्य भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी गैंटज़र दंपती को सम्मानित किए जाने को उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय बताया और कहा कि उनका जीवन स्वयं में एक यात्रा साहित्य है, जिससे युवा लेखक प्रेरणा ले सकते हैं।