उत्तराखंड में ढोंगी बाबाओं पर पुलिस का शिकंजा, ऑपरेशन ‘कालनेमि’ में 4 दिन में 111 गिरफ्तार
देहरादून/नैनीताल। प्रदेशभर में ढोंगी बाबाओं और झोलाछाप तांत्रिकों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। ऑपरेशन कालनेमि के तहत उत्तराखंड पुलिस ने बीते चार दिनों में 111 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। इनमें से अधिकांश साधु-संतों के भेष में लोगों को झांसा देकर ठगी करने वाले पाए गए हैं।
देहरादून जिले में चलाए जा रहे इस विशेष अभियान के तहत गैरराज्यीय 20 फर्जी बाबाओं समेत कुल 29 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जो विभिन्न थाना क्षेत्रों में धर्म के नाम पर भ्रम फैला रहे थे। पुलिस के अनुसार, इन सभी के विरुद्ध भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNS) के तहत वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
धर्म के नाम पर डर और धोखा
विकासनगर क्षेत्र में एक व्यक्ति को जादू-टोना और दैवीय प्रकोप का भय दिखाकर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह व्यक्ति एक विशेष समुदाय से है और लोगों को मानसिक रूप से गुमराह कर आर्थिक लाभ उठा रहा था।
वहीं प्रेमनगर थाना क्षेत्र में सड़क किनारे अवैध रूप से चल रहे एक दवाखाने में छापेमारी की गई, जिसे हरिद्वार के रोशनाबाद निवासी एक दंपति चला रहे थे। ये लोग बिना किसी वैध दस्तावेज के जड़ी-बूटी से इलाज का दावा कर रहे थे। पुलिस ने न सिर्फ दोनों को गिरफ्तार किया बल्कि अवैध कब्जे में बनाए गए दवाखाने को भी बंद करा दिया।
नैनीताल में 54 फर्जी बाबा चिह्नित, पांच गिरफ्तार
नैनीताल जिले में भी ऑपरेशन कालनेमि के तहत पुलिस ने 54 फर्जी बाबाओं की पहचान की है। इनमें से 5 को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। पुलिस कार्रवाई के दौरान कई बाबा ऐसे मिले जिनके पास कोई पहचान पत्र या वैध प्रमाण नहीं था। सभी की पहचान और सत्यापन की कार्रवाई जारी है।
SSP अजय सिंह ने दिया कड़ा संदेश
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने स्पष्ट किया है कि, “प्रदेश में लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।” सभी थाना प्रभारियों को इस संबंध में निर्देशित किया गया है कि ढोंगी बाबाओं और फर्जी तांत्रिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
क्या है ऑपरेशन ‘कालनेमि’?
यह अभियान आस्था के नाम पर लोगों को ठगने वाले गिरोहों, फर्जी साधु-संतों और बिना प्रमाणिकता के चल रहे तांत्रिक केंद्रों के खिलाफ चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य आमजन को ठगी और भ्रम से बचाना तथा धर्म के नाम पर फैल रही अव्यवस्था पर लगाम लगाना है।
जनजागरण की भी ज़रूरत
पुलिस कार्रवाई के साथ ही समाज के स्तर पर भी यह ज़रूरी है कि धार्मिक पहचान के नाम पर आंख मूंदकर किसी पर भरोसा न किया जाए। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध साधु, तांत्रिक या झोलाछाप बाबा की सूचना तत्काल पुलिस को दें।