यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा: सरकार ने गठित की एसआईटी, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे निगरानी

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यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा: सरकार ने गठित की एसआईटी, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे निगरानी

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की हालिया स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पेपर लीक विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर दी है। एसआईटी की निगरानी हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे और इसे एक माह के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और अभ्यर्थियों का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच पूरी होने तक आयोग की ओर से परीक्षा संबंधी कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी।

एसआईटी की संरचना

गृह विभाग की ओर से गठित एसआईटी की अध्यक्षता एसपी (ग्रामीण) देहरादून जया बलूनी करेंगी। दल में चार अन्य अधिकारी शामिल हैं:

  • अंकित कंडारी, सीओ सदर, देहरादून

  • लक्ष्मण सिंह नेगी, इंस्पेक्टर, एलआईयू

  • गिरीश नेगी, एसओ रायपुर

  • राजेश ध्यानी, सब-इंस्पेक्टर, साइबर पुलिस स्टेशन

गृह सचिव शैलेश बगौली ने बुधवार शाम को इसके संबंध में आदेश जारी किए।

कैसे हुआ विवाद

21 सितंबर को प्रदेशभर के 445 परीक्षा केंद्रों पर एक साथ परीक्षा शुरू हुई थी। लेकिन परीक्षा शुरू होने के महज 35 मिनट बाद ही प्रश्न पत्र के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। आरोपों के बाद बेरोजगार संघ और विपक्षी दलों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

परीक्षा केंद्र हरिद्वार स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट से पेपर बाहर आने की पुष्टि हुई है। यहां 18 कमरों में परीक्षा कराई जा रही थी। कुल 15 जैमर लगे थे, लेकिन कमरा नंबर 9, 17 और 18 में जैमर नहीं थे। इन्हीं में से एक कमरे में परीक्षार्थी खालिद बैठा था, जिसने डिवाइस के जरिए पेपर के तीन पेज अपनी बहन साबिया को भेजे और फिर वह प्रोफेसर सुमन चौहान तक पहुंचा।

गिरफ्तारियां और पुलिस जांच

पुलिस ने अब तक खालिद और उसकी दो बहनों को गिरफ्तार किया है। हालांकि खालिद का मोबाइल अब भी बरामद नहीं हो पाया है। पुलिस का मानना है कि मोबाइल से कई अहम राज खुल सकते हैं।

इससे पहले 20 सितंबर की रात को पुलिस ने कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को भी दबोचा था। इन पर अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने के नाम पर लाखों रुपये वसूलने का आरोप है।

सरकार का सख्त रुख

मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही सरकार इस घटना से सीख लेते हुए भविष्य में परीक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत व पारदर्शी बनाएगी।


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