उत्तराखंड में जारी एफडीए की बड़ी कार्रवाई: Respifresh TR समेत कई कफ सिरप जब्त, 148 नमूने जांच के लिए भेजे गए

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उत्तराखंड में जारी एफडीए की बड़ी कार्रवाई: Respifresh TR समेत कई कफ सिरप जब्त, 148 नमूने जांच के लिए भेजे गए

देहरादून/कोटद्वार/अल्मोड़ा/रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी।
राज्यभर में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर औषधि नियंत्रण विभाग (FDA) की टीमें इन दिनों सख्त रुख अपनाए हुए हैं। कल रात कोटद्वार से शुरू हुआ छापेमारी अभियान आज भी जारी रहा। इस दौरान जानलेवा घोषित किए जा चुके Respifresh TR कफ सिरप (Batch No. R01GL2523) का बड़ा स्टॉक कई मेडिकल स्टोरों से जब्त किया गया। एफडीए की टीमें प्रदेश के विभिन्न जिलों में सक्रिय हैं और संदिग्ध दवाओं की जांच लगातार जारी है।

कोटद्वार में सीज हुआ Respifresh TR का स्टॉक

कोटद्वार में एफडीए की टीम ने देर रात से अभियान चलाकर कई मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया। इस दौरान Respifresh TR कफ सिरप का स्टॉक सीज किया गया। टीम ने आज भी विभिन्न प्रतिष्ठानों से तीन नए नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजे हैं।

अल्मोड़ा में छह मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी

अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया और चांदीखेत में औषधि निरीक्षकों ने छह मेडिकल स्टोरों की जांच की। निरीक्षण के दौरान पहले से एनएसक्यू (Non-Suitable Quality) घोषित Respifresh TR सिरप (Batch No. R01GL2523) की 12 बोतलें जब्त की गईं। टीम ने चार कफ सिरपों के नमूने जांच के लिए एकत्र किए हैं।

रुद्रप्रयाग में चार नमूने संकलित

रुद्रप्रयाग जिले के तिलवाड़ा क्षेत्र में औषधि निरीक्षकों की टीम ने रिटेल और थोक दवा विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने चार कफ सिरप के नमूने जांच हेतु संकलित किए। अधिकारियों ने बताया कि नमूनों को प्रयोगशाला भेज दिया गया है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उत्तरकाशी में बच्चों के सिरप पर कड़ी निगरानी

औषधि निरीक्षक मोहम्मद ताजिम के नेतृत्व में उत्तरकाशी में भी छापेमारी की गई। टीम ने बच्चों में प्रयुक्त चार कफ सिरपों —
Dextromethorphan Hydrobromide Syrup (Batch No. KL-25/148), Coldrif (SR-13), Respifresh TR (R01GL2523), और Relife (LSL25160) — के नमूने लिए और देहरादून की प्रयोगशाला को भेजे।

निरीक्षक ताजिम ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को चेतावनी दी कि वे इन दवाओं को किसी भी हालत में न रखें और न बेचें। साथ ही स्पष्ट निर्देश दिए गए कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न दिया जाए, और वयस्कों को भी दवा केवल डॉक्टर की सलाह पर ही दी जाए।

राज्यभर से लिए गए 148 नमूने

प्रदेश भर में अब तक 148 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें देहरादून से 11, कोटद्वार से 3, हल्द्वानी से 3, अल्मोड़ा से 4, रुद्रप्रयाग से 4 और उत्तरकाशी से 4 नमूने शामिल हैं। अभियान के दौरान दर्जनों मेडिकल स्टोरों को नोटिस जारी किए गए हैं, वहीं कई स्थानों पर संदिग्ध स्टॉक को सील कर कार्रवाई की गई है।

एफडीए का सख्त रुख — “दोषियों पर होगी कानूनी कार्रवाई”

स्वास्थ्य सचिव एवं औषधि आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्यभर में एफडीए की टीमें सक्रिय हैं। उन्होंने कहा, “जिन सिरपों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, उनकी रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलों के मेडिकल स्टोरों को निर्देश दिए गए हैं कि संदिग्ध बैच नंबर की औषधियां तुरंत हटाई जाएं।”

छापेमारी क्यों ज़रूरी है?

हाल के महीनों में देशभर में कुछ कफ सिरपों में विषैले तत्व पाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं, जिनसे कई बच्चों की जान जा चुकी है। ऐसे मामलों ने दवा निर्माण कंपनियों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
एफडीए की ऐसी छापेमारियां इसलिए ज़रूरी हैं ताकि—

  • खतरनाक या मिलावटी दवाएं बाजार से हटाई जा सकें,

  • जनस्वास्थ्य को नुकसान से बचाया जा सके,

  • औषधि विक्रेताओं पर नियंत्रण और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके, और

  • दवा निर्माण कंपनियों को गुणवत्ता मानकों का पालन करने के लिए बाध्य किया जा सके।

एफडीए का यह राज्यव्यापी अभियान दवा सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध दवा की जानकारी तुरंत स्थानीय औषधि निरीक्षक या स्वास्थ्य विभाग को दें।


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