सीएम धामी ने लिया संज्ञान: बाहरी व्यक्ति को मकान नंबर प्लेट लगाने का ठेका देने का आदेश रद्द, जांच के निर्देश
देहरादून। स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों पर मकान नंबर प्लेट लगाने से जुड़ा एक आदेश सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बड़ा प्रशासनिक एक्शन सामने आया है। वायरल आदेश में बिहार निवासी व्यक्ति को यह काम देने की बात कही गई थी। मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए टिहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी के जिला पंचायत राज अधिकारियों के आदेश को रद्द कर दिया है। साथ ही पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, 14 अक्टूबर को टिहरी और उत्तरकाशी के जिला पंचायत अधिकारी केसी बहुगुणा द्वारा जारी आदेश में यह उल्लेख किया गया था कि बिहार के उपेंद्र कुमार नामक व्यक्ति ने ग्रामीण क्षेत्रों में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ”, “स्वच्छ भारत मिशन” और “घर-घर शौचालय” जैसे स्लोगनों के साथ नंबर प्लेट लगाने की अनुमति मांगी थी। इसके बाद विभागीय स्तर पर मकान नंबर प्लेट लगाने के लिए बाहरी व्यक्ति को अनुमति देने का आदेश जारी कर दिया गया।
इस आदेश के सार्वजनिक होते ही स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। लोगों ने सवाल उठाया कि जब उत्तराखंड सरकार ने 10 करोड़ रुपये तक के सरकारी कार्य स्थानीय लोगों को दिए जाने का निर्णय लिया है, तो यह काम बाहरी व्यक्ति को क्यों सौंपा गया। मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया, जबकि टिहरी के अधिकारी ने अपना आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों जिलों के अधिकारियों के आदेशों को रद्द करने के साथ ही जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि प्रदेश में 10 करोड़ रुपये तक के सभी कार्यों में स्थानीय लोगों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार जनहित, पारदर्शिता और निष्पक्षता के सिद्धांतों पर काम कर रही है। प्रदेश के विकास कार्यों का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।