प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को सुरक्षा मुहैया कराने वाली विशेष सुरक्षा बल (SPG) के दस्ते में पहली बार देशी नस्ल के कुत्ते “मुधोल हाउंड” को शामिल किया जा सकता है। भारतीय सेना, वायु सेना, केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैन्य बल, डीआरडीओ, पुलिस तथा वन विभाग पहले से ‘मुधोल हाउंड’ की सेवा ले चुके हैं। सबसे तेज सूंघने और शिकार करने की अद्भुत क्षमता इसे खास बनाता है।
देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) ने कर्नाटक से कुत्ते की स्वदेशी नस्ल ‘मुधोल हाउंड’ को प्रशिक्षण देने के लिए चुना है, जिससे इसके विशिष्ट बल में शामिल होने की संभावना बढ़ गयी है। एसपीजी ने मुधोल हाउंड में दिलचस्पी दिखाई है और बगलकोट जिले के मुधोल शहर में श्वान अनुसंधान एवं सूचना केंद्र (सीआरआईसी) से एक प्रयोग के तौर पर प्रशिक्षण के लिए दो कुत्तों को चुना है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने संवाद कार्यक्रम ‘मन की बात” में कुछ समय पहले मुधोल हाउंड नस्ल के कुत्तों पर चर्चा की थी। इसके बाद से ‘मुधोल हाउंड’ ने राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं थी। ये श्वान अपने शिकार कौशल को लेकर विशेष पहचान रखते हैं। मोदी ने कहा था कि अगर इस नस्ल को घरों में पाला जाए तो देसी नस्ल को प्रोत्साहन मिलेगा।
मुधोल हाउंड के लक्षण अपने शिकार और रखवाली कौशल के लिए जाना जाता है, दिखने में पतले लेकिन ऊंचे कद के मुधोल हाउंड का जबड़ा काफी मजबूत होता है। ये मुधोल हाउंड बागलकोट में पाए जाते हैं। इन कुत्तों का इतिहास इसी भुमि से जुड़ा है। कुत्ते तेज रफ्तार के साथ एक बार शिकार को पकड़ ले उसके बाद छोड़ता नहीं है। कुत्ते तेज रफ्तार के साथ दौड़ लगाते हैं, उत्कृष्ट सहनशक्ति और चपलता होते हैं। इनकी देखनी की क्षमता काफी दुर तक होती है और किसी भी चीज को सुंघकर निकाल देते हैं। कहा जाता है कि जो काम जर्मन शेफर्ड कुत्ते 90 सेकेंड में पूरा करते हैं भारतीय नस्ल के मुधोल हाउंड उस काम को सिर्फ 40 सेकेंड में पूरा कर देते हैं। विदेशी नस्ल के कुत्तों की तुलना में इसको पालना आसान होता है। किसी अन्य नस्ल से तुलना करने पर, यह किसी भी मौसम में जीवित रह सकता है।”