नोएडा सेक्टर 93 ए में बने सुपरटेक ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण की तारीख नजदीक आ गई है और अब जल्द ही भ्रष्टाचार की इमारत को उड़ा दिया जाएगा। इसके लिए टावर में भारी मात्रा में करीब 3700 किलो बारूद फिट किया गया है। कुतुब मीनार से ऊंचे ये टावर आसपास के रिहायशी इलाके की इमारतों से काफी करीब हैं। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि इसे किस तरह गिराया जायेगा और इस दौरान आसपास के माहौल में किस तरह की प्रक्रिया होगी।
सुपरटेक ट्विन टावर: होने वाला है एक बड़ा धमाका और उड़ जाएँगी ये दो बिल्डिंगें
दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में सुपरटेक डेवलपर्स के अवैध ट्विन टावर फिलहाल अपने अंतिम दिन गिन रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, रविवार 28 अगस्त, 2022 को इन्हें ढहा दिया जाएगा। इसके लिए टावर में करीब 3700 किलो बारूद फिट किया गया है। करीब छह माह की लंबी प्रक्रिया का अंत अब होने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और लगातार निगरानी के बाद अब इस टावर को तोड़ने की घड़ी नजदीक आ गई है।
मुंबई स्थित कंपनी ‘एडिफिस इंजीनियरिंग’ दक्षिण अफ्रीका की अपनी साझेदारी कंपनी ‘जेट डिमोलिशंस’ के साथ मिलकर ध्वस्तीकरण का जिम्मा संभाल रही है, जो उसके लिए दुनिया में सिविल इंजीनियरिंग के सबसे बड़े कारनामों में से एक है। जानकारी के मुताबिक, ब्लास्ट का यह प्रोसेस वैज्ञानिक (साइंटिफिक) तरीके से अंजाम दिया जाएगा। 32 मंजिल तक बने इस ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने का काम खत्म हो गया जिसके बाद अब विस्फोटकों को तार के जरिए जोड़ा जा रहा है। टावर गिराने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग के मुताबिक कुछ ही सेकंड में टावर गिर जाएगा। इस कुछ सेकंड के बाद कुछ ही मिनटों में चारों ओर धूल ही धूल फैल चुका होगा। एक्सपर्ट्स की मानें तो ट्विन टावर गिरने के बाद लगभग तीन किलोमीटर के दायरे तक धूल का गुबार फैला होगा। इसके बाद वह गुबार कैसे और कहां बढ़ेगा यह हवा की दिशा तय करेगी ।
गौरतलब है कि इन टावरों को निर्माण शर्तों का उल्लंघन कर किया गया था।नोएडा के सेक्टर-93 स्थित 40 मंजिला ट्विन टावरों का निर्माण 2009 में हुआ था। सुपरटेक के दोनों टावरों में 950 से ज्यादा फ्लैट्स बनाए जाने थे।हालांकि, बिल्डिंग के प्लान में बदलाव करने का आरोप लगाते हुए कई खरीदार 2012 इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए थे। इसमें 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे।
जिनमें से 248 रिफंड ले चुके हैं, 133 दूसरे प्रोजेक्ट्स में शिफ्ट हो गए, लेकिन 252 ने अब भी निवेश कर रखा है। साल 2014 में नोएडा प्राधिकरण को जोरदार फटकार लगाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्विन टावर को अवैध घोषित करते हुए उन्हें गिराने का आदेश दे दिया था।हालांकि, तब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गिराने का आदेश दिया।
28 अगस्त की दोपहर 2:15 से लेकर 2: 45 तक नोएडा एक्सप्रेसवे को बंद रखा जायेगा। इस दौरान महामाया फ्लाईओवर से रूट को डायवर्ट किया जाएगा। ट्विन टावर के आसपास का एरिया सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक सभी लोगों के लिए बंद रहेगा। ट्विन टॉवर के ध्वस्तीकरण के समय आपातकालीन सेवाओं को भी मौके पर तैनात किया जाएगा। एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस पिकेट स्थापित की जाएगी। 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी, पीएसी और फायर डिपार्टमेंट के कर्मचारी व अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही एक डीसीपी, एडिशनल डीसीपी, एसीपी और इंस्पेक्टर रैंक के पांच अफसरों को ध्वस्तीकरण के दौरान मौके पर तैनात करने की योजना बनाई है।