आक्रोश, ग़म, मातम और विरोध, इन तमाम जद्दोजहद के बाद आख़िरकार अपराह्न लगभग साढ़े चार बजे भारी पुलिस सुरक्षा के बीच श्रीनगर के आईटीआई घाट में उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। बेहद गमगीन माहौल में अंकिता के बड़े भाई अजय ने बहन की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान पुलिस प्रशासन को प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ के विरोध का सामना करना पड़ा। जिसके बाद अंकिता के पिता के शांति की अपील करने के बाद आक्रोशित लोगों का गुस्सा शांत हुआ।
अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले को लेकर रविवार को श्रीनगर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था। इस दौरान लोगों ने उत्तराखंड सरकार व श्रीनगर एवं पौड़ी विधायक के विरोध में जमकर नारेबाजी की। सुबह से ही मोर्चरी में डटे आक्रोशित लोगों को जब प्रशासन की ओर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक न करने व परिजनों के लिए मुआवजा व नौकरी की ठोस व्यवस्था करने को लेकर कोई आश्वासन नहीं मिला तो लोगों ने प्रातः 11 बजे मोर्चरी के बाहर बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया। लोगों ने उत्तराखंड सरकार व श्रीनगर एवं पौड़ी विधायक के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता के पिता से बात की। इसके बाद परिवार देर शाम को अंतिम संस्कार के लिए माना।शाम को पुलिस बल और प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ की मौजूदगी में अंकिता के शव को मोर्चरी से बाहर निकाला गया। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी से अंकिता के शव को एंबुलेंस से आईटीआई घाट ले जाने के दौरान आंदोलनकारियों के साथ हुई पुलिस की धक्की मुक्की भी हुई। अंतिम संस्कार के समय गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार, डीआईजी पुलिस एनएस नगन्याल, डीएम पौड़ी डा. विजय जोगदंडे, एसएसपी पौड़ी यशवंत सिंह चौहान के साथ ही चमोली की एसएसपी श्वेता चौबे और पुलिस व प्रशासन के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय जनता और अंकिता के गांव डोभ श्रीकोट से आए लोग भी शामिल हुए।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराएंगे और पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से हर संभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध में जो भी लिप्त होगा, उसे सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। मामले में एसआईटी जांच कर रही है। उन्होंने लोगों से जांच में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि एक बेटी के साथ ऐसी घटना हुई है। ऐसे में लोगों का आक्रोशित होना भी स्वाभाविक है।