देहरादून, 25 जून 2025/ उत्तराखंड को देश के प्रमुख फिल्म निर्माण स्थलों में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत बुधवार को देहरादून स्थित एक होटल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय था “उत्तराखंड में फिल्मिंग इकोसिस्टम का विकास”, जिसे नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NFDC) और उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद (UFDC) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
दीप प्रज्वलन से हुआ शुभारंभ
कार्यशाला का उद्घाटन UFDC के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री बंशीधर तिवारी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की निदेशक (फिल्म्स) सुश्री शिल्पा राव, और NFDC के महाप्रबंधक श्री अजय धोके ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
राज्य सरकार के प्रयास और प्रोत्साहन
यूएफडीसी के सीईओ श्री बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व और भारत सरकार के सहयोग से उत्तराखंड को फिल्म निर्माण के हब के रूप में विकसित करने के प्रयास तेजी से चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कम प्रचारित स्थलों पर शूटिंग करने पर 5% अतिरिक्त सब्सिडी, स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता देने वाले निर्माताओं के लिए विशेष प्रोत्साहन, और पर्वतीय क्षेत्रों में एकल स्क्रीन सिनेमा हॉल खोलने पर ₹25 लाख की सब्सिडी की योजना लागू की गई है।
इसके अतिरिक्त, स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं, संसाधनों, कलाकारों और परिवहन सुविधाओं की एकीकृत सूची भी तैयार की जा रही है जिससे राज्य में शूटिंग को सरल और प्रभावी बनाया जा सके।
उत्तराखंड फिल्म महोत्सव और OTT के लिए योजनाएं
श्री तिवारी ने बताया कि NFDC के सहयोग से उत्तराखंड राज्य का अपना फिल्म फेस्टिवल और राज्य फिल्म पुरस्कार योजना शुरू करने की योजना है। इसके साथ ही प्रसार भारती के WAVES OTT प्लेटफॉर्म से क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को जोड़ने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं।
भारत को वैश्विक सिनेमा हब बनाने की दिशा में पहल
फिल्म निदेशक सुश्री शिल्पा राव ने कहा कि भारत को वैश्विक फिल्म केंद्र बनाने के लिए गुणवत्ता, तकनीक और प्रतिभा को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने बताया कि ‘WAVES Market’ पोर्टल और ‘Indian Cine Hub’ जैसे प्लेटफॉर्म निर्माताओं को सभी संसाधनों और अनुमतियों का वन-स्टॉप समाधान प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने सामूहिक फिल्म प्रदर्शन की संस्कृति को पुनर्जीवित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में कम लागत वाले सिनेमा हॉल को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्य की नवाचारपूर्ण फिल्म नीति पर चर्चा
यूएफडीसी के संयुक्त सीईओ डॉ. नितिन उपाध्याय ने उत्तराखंड की फिल्म नीति पर विशेष प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने “प्रतिभा, प्रशिक्षण और तकनीक” को राज्य की फिल्म नीति के तीन प्रमुख स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल बाहरी निर्माताओं को ही नहीं, बल्कि स्थानीय कहानीकारों और तकनीशियनों को भी मंच देना है ताकि क्षेत्रीय सिनेमा को नई दिशा मिल सके।
डॉ. उपाध्याय ने सिंगल विंडो क्लीयरेंस, लोकेशन सहयोग, उत्पादन सब्सिडी, और फिल्म संस्थानों की स्थापना जैसे प्रावधानों की जानकारी भी दी।
इंडियन सिने हब की भूमिका
इंडिया सिने हब के सहायक वाइस प्रेसिडेंट श्री राम कुमार विजयन ने बताया कि इंडियन सिने हब पोर्टल राज्य सरकारों, केंद्रीय एजेंसियों और स्थानीय अधिकारियों से अनुमतियों की प्रक्रिया को आसान बनाता है। उन्होंने पोर्टल पर उपलब्ध समग्र संसाधन निर्देशिका की जानकारी भी साझा की।
फिल्म निर्माताओं की जिज्ञासाओं का समाधान
कार्यशाला के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र में फिल्म निर्माताओं और संबंधित प्रतिभागियों की नीतिगत और तकनीकी जिज्ञासाओं का समाधान NFDC और UFDC के अधिकारियों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर श्री आशिष कुमार त्रिपाठी (अपर निदेशक सूचना), सुश्री श्रुति राजकुमार (उपाध्यक्ष, इंडिया सिने हब), श्री मयूर पटेल (एनएफडीसी, फिल्म बाजार), श्री नचिकेत शिरोलकर, श्री अभय कुमार (यूनीकॉप्स) सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। यह कार्यशाला उत्तराखंड को रचनात्मक अर्थव्यवस्था और फिल्म पर्यटन के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास के रूप में देखी जा रही है।