काबुल। अफगानिस्तान एक बार फिर भूकंप से दहल उठा। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, 31 अगस्त की रात 11:47 बजे पूर्वी अफगानिस्तान में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र जमीन से आठ किलोमीटर की गहराई में और आबादी वाले इलाके से लगभग 27 किलोमीटर दूर स्थित था। झटकों की वजह से सैकड़ों घर ढह गए और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए। तालिबान सरकार ने तुरंत बचाव दलों को तैनात कर घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू किया।
विशेषज्ञों के अनुसार, अफगानिस्तान भूगर्भीय रूप से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। यहां भारतीय और यूरेशियन प्लेटें मिलती हैं, जिसके चलते यह इलाका सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र (Seismic Zone) में आता है। खासकर पूर्वी अफगानिस्तान का पहाड़ी इलाका न केवल भूकंप बल्कि भूस्खलन के लिए भी संवेदनशील है। ऐसे हालात में आपातकालीन राहत एवं बचाव कार्य करना और कठिन हो जाता है।
अफगानिस्तान में भूकंप कोई नई त्रासदी नहीं है। पिछले साल पश्चिमी हिस्से में आए भूकंपों में 1,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 7 अक्टूबर 2023 को आए 6.3 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी, जिसमें तालिबान सरकार के अनुमान के मुताबिक करीब 4,000 लोग मारे गए थे। यह हाल के वर्षों की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदाओं में से एक थी।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में भूकंपों से अफगानिस्तान में 7,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। औसतन हर साल 560 मौतें भूकंप से जुड़ी घटनाओं में दर्ज होती हैं।