भारी बारिश के बीच पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग का प्लान ‘B’ लागू, 24 जुलाई को पहले चरण का मतदान

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भारी बारिश के बीच पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग का प्लान ‘B’ लागू, 24 जुलाई को पहले चरण का मतदान

देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण के तहत 24 जुलाई को मतदान होना है, लेकिन भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनज़र राज्य निर्वाचन आयोग ने वैकल्पिक योजना (प्लान-B) तैयार कर ली है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि खराब मौसम के कारण किसी मतदान केंद्र पर चुनाव संभव नहीं हो पाता है, तो वहां 28 जुलाई को पुनर्मतदान कराया जाएगा। इसी प्रकार, यदि 28 जुलाई को भी मतदान बाधित होता है, तो उस केंद्र पर 30 जुलाई को दोबारा मतदान कराया जाएगा।

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मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, गढ़वाल और कुमाऊं के कई क्षेत्रों में भारी वर्षा की आशंका है। इसे ध्यान में रखते हुए आयोग ने आपात स्थिति के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

पहले चरण में 49 विकासखंडों में मतदान

24 जुलाई को होने वाले पहले चरण के अंतर्गत राज्य के 12 जिलों के 49 विकासखंडों में मतदान होगा। इनमें ताकुला, लोहाघाट, सितारगंज, रामगढ़, भिलंगना, चकराता, खिर्सू, ऊखीमठ, अगस्त्यमुनि समेत पर्वतीय और मैदानी क्षेत्र शामिल हैं। हरिद्वार जिला पंचायत चुनावों से बाहर रखा गया है।

मतदान बाधित होने की स्थिति में क्या होगा

राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि यदि मौसम या अन्य कारणों से मतदान प्रभावित होता है, तो संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी व पर्यवेक्षक उस केंद्र का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद प्रभावित केंद्रों की सूची उसी दिन शाम तक आयोग को भेजी जाएगी। स्थानीय स्तर पर मतदाताओं को सूचना देकर दोबारा मतदान कराया जाएगा।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक गढ़वाल मंडल में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ सकती हैं, जिससे मार्ग अवरुद्ध होने की आशंका है। कुमाऊं क्षेत्र में वर्षा की तीव्रता अपेक्षाकृत कम रहेगी।

आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारी

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि राज्य में अब तक 1300 से अधिक सड़कें बाधित हुई थीं, जिनमें से अधिकांश को खोल दिया गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन की मदद से सभी मुख्य मार्गों को खुला रखा जाएगा और मतदान दलों व मतदाताओं की आवाजाही में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने स्वयं संभाला मोर्चा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में तीन उच्चस्तरीय बैठकें करने के बाद अचानक आपदा परिचालन केंद्र (SEOC) का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों से प्रदेश में हो रही भारी वर्षा और संभावित आपदा की विस्तृत जानकारी ली और राहत-बचाव तैयारियों की समग्र समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने, संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्कता बनाए रखने और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि जनसुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और किसी भी स्थिति में चुनाव प्रक्रिया और जनजीवन प्रभावित न हो, इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह सजग है।


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