चमोली, उत्तराखंड / श्री हेमकुंड साहिब यात्रा शुरू होने से महज कुछ सप्ताह पहले उत्तराखंड के चमोली जिले के गोविंदघाट से एक चिंताजनक खबर सामने आई है। अलकनंदा नदी पर निर्माणाधीन एक लोहे का पुल (Iron Bridge) बुधवार को अचानक ढह गया। पुल का एक बड़ा हिस्सा दोपहर लगभग 1:15 बजे निर्माण कार्य के दौरान ढहकर नदी में समा गया। यह पुल लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा तैयार किया जा रहा था।
तकनीकी खामी बनी हादसे की वजह
प्रारंभिक जांच में PWD के तकनीकी विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि पुल के घटकों को जोड़ते समय संभवतः एक क्लैम्प ढीला रह गया, जिससे यह गंभीर हादसा हुआ। पुल का करीब 12 मीटर लंबा हिस्सा अचानक झुक गया और देखते ही देखते नदी में गिर पड़ा।
दो महीने में दूसरी दुर्घटना
चौंकाने वाली बात यह है कि पांच मार्च को इसी क्षेत्र में एक पुराना मोटर पुल भी टूट चुका है, जो गुरुद्वारा गोविंदघाट के पीछे स्थित था। उसी घटना के बाद इस नए पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था, जो अब फिर से दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।
तीर्थयात्रियों की राह में बाधा
हेमकुंड साहिब यात्रा इस वर्ष 25 मई से आरंभ हो रही है। इस यात्रा में हर साल हजारों श्रद्धालु गोविंदघाट से होकर घांघरिया और फिर हेमकुंड साहिब तक पहुंचते हैं। ऐसे में पुल का गिरना न केवल लॉजिस्टिक रूप से गंभीर मामला है, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है।
प्रशासन का दावा: जल्द होगा पुनर्निर्माण
PWD अधिकारियों ने दावा किया है कि पुल को अगले 10 से 15 दिनों में दोबारा तैयार कर लिया जाएगा ताकि तीर्थयात्रा पर कोई असर न पड़े। हालांकि, विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि समय पर और सुरक्षित निर्माण सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
राहत की खबर: कोई हताहत नहीं
इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि या चोटिल होने की सूचना नहीं है। निर्माण स्थल पर मौजूद श्रमिकों को समय रहते सुरक्षित स्थान पर हटा लिया गया था।
सवालों के घेरे में निर्माण कार्य
लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने उत्तराखंड में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की गुणवत्ता और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालुओं की भारी आमद को देखते हुए पुल का समय पर, टिकाऊ और सुरक्षित निर्माण न सिर्फ जरूरी है, बल्कि यह प्रशासन की विश्वसनीयता का भी परीक्षण होगा।