कैबिनेट बैठक में 11 प्रस्तावों पर मुहर, अटल आयुष्मान इंश्योरेंस मोड और गोल्डन कार्ड हाइब्रिड मोड में चलेगी

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कैबिनेट बैठक में 11 प्रस्तावों पर मुहर, अटल आयुष्मान इंश्योरेंस मोड और गोल्डन कार्ड हाइब्रिड मोड में चलेगी

देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 11 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। इनमें चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े अहम फैसलों के साथ-साथ ऊर्जा, उद्यान, संस्कृति, आवास और उद्योग से संबंधित प्रस्ताव शामिल रहे। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी बैठक के बाद प्रमुख सचिव आवास आर. मीनाक्षी सुंदरम ने दी।

कैबिनेट बैठक में राज्य की दो प्रमुख स्वास्थ्य योजनाओं—अटल आयुष्मान योजना और गोल्डन कार्ड योजना—के संचालन को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया। तय किया गया कि अटल आयुष्मान योजना को पूरी तरह इंश्योरेंस मोड पर संचालित किया जाएगा, जबकि गोल्डन कार्ड योजना हाइब्रिड मोड में चलेगी। इसके तहत 5 लाख रुपये तक के क्लेम इंश्योरेंस मोड से और 5 लाख रुपये से अधिक के क्लेम ट्रस्ट मोड से निपटाए जाएंगे। ट्रस्ट में कर्मचारियों की ओर से दिए जाने वाले अंशदान में लगभग 250 से 450 रुपये तक की बढ़ोतरी होगी।

हरित ऊर्जा और किसानों को राहत
कैबिनेट ने नेचुरल गैस पर लगने वाले वैट की दर को 20 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का निर्णय लिया है। सरकार का उद्देश्य इस कदम से हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना है।
वहीं धराली आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के सेब उत्पादकों को राहत देते हुए उद्यान विभाग के माध्यम से सेब की खरीद का फैसला किया गया है। इसके तहत रॉयल डिलीशियस सेब 51 रुपये प्रति किलो और रेड डिलीशियस सेब 45 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदे जाएंगे।

कलाकारों, लेखकों और कर्मचारियों के लिए फैसले
संस्कृति विभाग के अंतर्गत राज्य के वृद्ध कलाकारों एवं लेखकों को मिलने वाली मासिक पेंशन को 3000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये कर दिया गया है।
इसके साथ ही सिंचाई और लोक निर्माण विभाग (PWD) के वर्ग चार्ज कर्मचारियों की वर्क चार्ज सेवा अवधि को पेंशन की गणना में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। रेशा विकास परिषद के ढांचे में भी संशोधन किया गया है, जिसके तहत तकनीकी प्रवृत्ति के स्टाफ अब आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे जाएंगे।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा
आवास विभाग में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार निम्न जोखिम वाले भवनों को अब एंपैनल आर्किटेक्ट द्वारा स्वप्रमाणन के आधार पर पास किया जा सकेगा। यह प्रस्ताव पहले विचलन से पारित हो चुका था, जिसे अब मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिल गई है।
इसके अलावा कंप्लायंस बर्डन कम करने और व्यापार सुगमता बढ़ाने के उद्देश्य से नियमों में संशोधन कर एमएसएमई और औद्योगिक इकाइयों के ग्राउंड कवरेज को बढ़ाया गया है।

चिकित्सा शिक्षा सेवा संशोधन नियमावली को मंजूरी
कैबिनेट ने उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा सेवा संशोधन नियमावली, 2025 के प्रख्यापन को भी मंजूरी दी। इसके तहत एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए आयु सीमा 50 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है।
स्वामी राम कैंसर हॉस्पिटल में चार नए पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में समान काम–समान वेतन से जुड़े मामले को उप समिति को रेफर किया गया है।
इसके साथ ही दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत स्पेशलिस्ट क्लीनिकल डॉक्टरों को 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता देने का निर्णय लिया गया है।

कैबिनेट के इन फैसलों को राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने, हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन देने और सामाजिक–आर्थिक विकास की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।


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