चंपावत/बनबसा/ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को भारत-नेपाल सीमा पर स्थित 57वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), बनबसा का दौरा कर वहां तैनात जवानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सीमा की सुरक्षा में जुटे सुरक्षाकर्मियों के साहस, कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन की प्रशंसा करते हुए उन्हें देश की शान बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर सतत सतर्कता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार तथा सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सीमाएं हमारी राष्ट्रीय अस्मिता की प्रतीक हैं और इनकी सुरक्षा राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि हमारे सुरक्षाबलों की मुस्तैदी से सीमाएं पूरी तरह अभेद बनी हुई हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने चौकियों की अवस्थापना सुविधाओं, संचार व्यवस्था एवं जवानों के लिए उपलब्ध संसाधनों का जायजा लिया तथा आवश्यक सुधार के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने जवानों से संवाद करते हुए उनकी समस्याओं, अनुभवों और जमीनी परिस्थितियों की जानकारी भी ली।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सीमांत गांवों को “प्रथम गांव” की संज्ञा दिए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि ये गांव देश की सीमाओं के साथ-साथ संस्कृति के भी प्रथम प्रहरी हैं। मुख्यमंत्री ने इन गांवों की रक्षा में जुटे जवानों को धन्यवाद और शुभकामनाएं दीं।
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को कायरतापूर्ण करार दिया और कहा कि इसका मुंहतोड़ जवाब हमारी सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने दिया है। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में देश की जनता ने जिस एकजुटता और राष्ट्रवाद का परिचय दिया है, वह किसी भी हथियार से अधिक प्रभावशाली है।
मुख्यमंत्री ने सभी सशस्त्र बलों और सुरक्षा बलों को राष्ट्र सेवा के लिए बधाई देते हुए उनके समर्पण को नमन किया।
इस अवसर पर एसएसबी डीआईजी अमित शर्मा, जिलाधिकारी चंपावत नवनीत पांडे, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर नितिन भदोरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, पुलिस अधीक्षक चंपावत अजय गणपति समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।