मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड @25 बोधिसत्व विचार श्रृंखला एक नई सोच-एक नई पहल’ पुस्तक का किया विमोचन, सभी विभागों का 10 साल का रोडमैप होगा तैयार

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में वर्ष 2023 में उत्तराखंड @25 बोधिसत्व विचार श्रृंखला ‘एक नई सोच-एक नई पहल’ पुस्तक का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य के विकास की दीर्घकालीन योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इसके लिए सभी विभागों का 10 साल का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। अब तक 20 विभागों की समीक्षा की जा चुकी है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में नई कार्य संस्कृति विकसित करने के लिए 10 से पांच बजे की कार्य संस्कृति में बदलाव लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने की जरूरत है। मैं भी रात 11 बजे तक काम करता हूं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हमें अपनी पारिस्थितिकी और आर्थिकी के संतुलन को बनाए रखना है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में निवेश व विकास का वातावरण बन रहा है। दिसंबर में वैश्विक निवेशक सम्मेलन आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है। देश दुनिया के निवेशक उत्तराखंड में निवेश की सोच रहे है। चार धाम, हेमकुंड साहिब, कांवड़ यात्रा, हरिद्वार में होने वाले स्नान, पर्वों, पूर्णागिरी सहित अन्य मेलों में लगभग 8 करोड़ लोग प्रतिवर्ष उत्तराखंड आते हैं। इस आबादी के लिए व्यवस्थाएं बनाई जा रही है। बोधिसत्व श्रृंखला में प्राप्त सुझावों को भी इसमें सम्मिलित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया है। इस दिशा में रोडमैप बना कर कार्य किया जा रहा है। राज्य के विकास में जनभागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है।

वहीं कार्यक्रम में संयोजक एवं यूकास्ट के महानिदेशक प्रो दुर्गेश पंत ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए गत एक वर्ष में बोधिसत्व विचार श्रृंखला के तहत आयोजित विभिन्न विषयों पर आधारित 12 सत्रों में वैज्ञानिकों, समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा व्यक्त विचारों का संकलन इस पुस्तक में किया गया है।

कार्यक्रम में सचिव वित्त दिलीप जावलकर, पद्म भूषण डॉ अनिल जोशी, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत मैती व दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल समेत अनेक विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे।


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