सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का शुभारंभ कर दिया है, कोविड-19 या अन्य बीमारियों से माता-पिता या संरक्षक की मृत्यु से प्रभावित बच्चों के कल्याण के लिए यह योजना राज्य सरकार चलाई गई है। योजना के माध्यम से पहले चरण में चयनित बच्चों को प्रत्येक माह 3 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। आर्थिक सहायता डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खातों में दी जाएगी। बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए समस्त जिलाधिकारियों को प्रभावित बच्चों की देखभाल, पुनर्वास, चल-अचल संपत्ति एवं उत्तराधिकारों की रक्षा के लिए संरक्षक अधिकारी नामित किये गए हैं।
प्रदेश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने काफी कहर बरपाया, कई बच्चे अनाथ हो गए जो अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो चुके हैं। ऐसे बच्चों के संरक्षण के लिए सरकार मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना लेकर आई है, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से ऐसे बच्चों का सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। जिन बच्चों का सत्पापन का कार्य पूर्ण हो चुका है, उनको पहले चरण में योजना का लाभ मिल सकेगा। जैसै-जैसे सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होती रहेगी, चिन्हित किए गए अन्य बच्चों को भी योजना का लाभ मिलने लगेगा।
प्रथम चरण में कुल 1062 लाभार्थियों को योजना का लाभ मिलेगा जिसमें अल्मोड़ा से 49, बागेश्वर से 22, चमोली से 28, चंपावत से 59, देहरादून से 123, हरिद्वार से 70, नैनीताल से 146, पौड़ी गढ़वाल से 122, राद्रप्रयाग से 54, ऊधमसिंह नगर से 79, टिहरी गढ़वाल से 132, पिथौरागढ़ से 41 और उत्तरकाशी से 137 बच्चे हुए लाभान्वित होंगे।
- प्रदेश में माता-पिता दोना की मृत्यु होने से अनाथ बच्चों की संख्या है 151
- माता-पिता में से किसी एक कमाऊ सदस्य की मृत्यु से प्रभावित बच्चों की संख्या है 2196
- कोविड से माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चों की संख्या है 68 , जिसमे 29 बालक और 39 बालिकाएं
- कोविड से माता-पिता संरक्षक में से किसी एक की मृत्यु से प्रभावित होने वाले बच्चों की संख्या है 1489 , जिसमे 776 बालक और 713 हैं बालिकाएं
- कुल संख्या 1557, जिसमे बालक 805 और 752 हैं बालिकाएं।
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