कर्णप्रयाग में बैसाखी धार्मिक, सांस्कृतिक, पर्यटन एवं विकास मेले का रंगारंग आगाज़

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चमोली/ कर्णप्रयाग में तीन दिवसीय बैसाखी धार्मिक, सांस्कृतिक, पर्यटन एवं विकास मेले की भव्य शुरुआत सांस्कृतिक रंग में रंगे कार्यक्रमों के साथ हो गई। कर्ण मंदिर में पेरूल देवता की पूजा-अर्चना के बाद महिला समूहों और विद्यालयों की रंग-बिरंगी रैली ने मेला स्थल तक पहुंचकर कार्यक्रम को जीवंत कर दिया। मेले का विधिवत शुभारंभ कर्णप्रयाग के विधायक अनिल नौटियाल ने रिबन काटकर किया।

मेले में विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए गए लोकनृत्य, गीत-संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह तीन दिवसीय आयोजन 13 से 15 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें धार्मिक अनुष्ठान, लोक संस्कृति के कार्यक्रमों के साथ-साथ विकास से जुड़ी गतिविधियां भी शामिल रहेंगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से किया संबोधित
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से मेले को संबोधित करते हुए कर्णप्रयाग की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस तरह के मेले न केवल क्षेत्र की समृद्ध परंपराओं को जीवित रखते हैं, बल्कि स्थानीय आर्थिकी को भी सशक्त बनाते हैं। उन्होंने कहा कि मेले जैसे आयोजनों से पर्यटन को बढ़ावा मिलता है और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण संभव होता है।

मुख्यमंत्री ने कर्णप्रयाग में निर्माणाधीन रेल परियोजना का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह राज्य के दूरदराज़ इलाकों को जोड़ने, रोजगार बढ़ाने और क्षेत्रीय विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

राजजात यात्रा को लेकर की गई अहम घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अगले वर्ष कर्णप्रयाग के नौटी गांव से मां नंदा देवी की भव्य राजजात यात्रा प्रारंभ होगी, जिसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने इस यात्रा को और अधिक दिव्य और भव्य बनाने का संकल्प दोहराया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्र के विकास से जुड़ी कई घोषणाएं भी कीं:

  • कर्णप्रयाग में सरस्वती शिशु मंदिर से बाजार की ओर पिंडर नदी पर बाढ़ सुरक्षा कार्य कराया जाएगा।

  • कर्णप्रयाग बाजार के समीप एक पार्किंग का निर्माण किया जाएगा।

  • नंदा देवी राजजात यात्रा को ध्यान में रखते हुए कनखुल टैक्सी स्टैंड के पास बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण होगा।

  • शिमली में मोटर पुल के समीप पार्किंग सुविधा विकसित की जाएगी।

  • राजकीय इंटर कॉलेज से सांकरीसेरा, पलेठी और पाडली तक नई सड़क का निर्माण कराया जाएगा।

स्थानीय उत्साह चरम पर
मेले में स्थानीय लोगों की भागीदारी और उत्साह ने इस आयोजन को खास बना दिया। पारंपरिक पोशाकों में सजे लोग, लोक गायन की मधुर धुनें और मेले का उल्लास एक बार फिर यह साबित करता है कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक आत्मा आज भी जीवंत है।


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