देहरादून/अल्मोड़ा/मसूरी/ देश में एक बार फिर कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। बीते 24 घंटे में देशभर में 277 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं, जिससे केंद्र और राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं। उत्तराखंड में भी कोविड संक्रमण की आहट सुनाई देने लगी है। राज्य में दो नए मामलों की पुष्टि हुई है, दोनों ही माइग्रेंट महिलाएं हैं – एक गुजरात से ऋषिकेश पूजा के लिए आई थी, जबकि दूसरी पश्चिम बंगाल से लौटी एक चिकित्सक है। दोनों को आइसोलेशन में रखा गया है और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अधिक से अधिक सैंपलिंग करने और टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और कोविड से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी करने को कहा गया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के अनुसार, कोविड वॉर रूम को दोबारा सक्रिय किया गया है और सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
केंद्र ने भी किया सतर्क
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर कोविड-19 के नए वेरिएंट JN.1 को लेकर सतर्क रहने को कहा है। राज्यों को ILl (इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी) और SARI (गंभीर श्वसन संक्रमण) के मामलों की निगरानी, टेस्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
मसूरी: पर्यटक नगरी में विशेष निगरानी
मसूरी के उप जिला चिकित्सालय में कोविड से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है। अस्पताल में 5 बेड का ICU, दो कोविड रूम, एक आइसोलेशन वार्ड और टेस्टिंग सेंटर बनाया गया है। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. सतीश नेगी ने बताया कि अस्पताल में पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर, ऑक्सीजन और दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। भीड़भाड़ वाले पर्यटन स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
ऑक्सीजन प्लांटों की बदहाली चिंता का विषय
कोविड की आशंका के बीच उत्तराखंड में ऑक्सीजन प्लांटों की स्थिति चिंता पैदा कर रही है। सीएमओ डॉ. आरसी पंत ने बताया कि सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन पर्याप्त है, लेकिन कुछ प्लांट तकनीशियन और सर्विस की कमी के कारण बंद हैं। इसके लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है।
कोरोना संक्रमण के नए मामलों ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है, विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड से निपटने में सतर्कता, समय पर टेस्टिंग और संसाधनों की पूर्ण उपलब्धता सबसे अहम है। ऐसे में राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ऑक्सीजन प्लांटों को दुरुस्त कर, स्वास्थ्य ढांचे को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखे।