भराड़ीसैंण में 19 से 22 अगस्त तक मानसून सत्र, आपदा व पुनर्वास होंगे मुख्य मुद्दे

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भराड़ीसैंण में 19 से 22 अगस्त तक मानसून सत्र, आपदा व पुनर्वास होंगे मुख्य मुद्दे

गैरसैंण (भराड़ीसैंण)। प्रदेश सरकार ने मानसून सत्र भराड़ीसैंण विधानसभा में कराने का निर्णय ले लिया है। राजभवन की अनुमति के बाद विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। सत्र 19 अगस्त से 22 अगस्त तक चलेगा।

“Curtsy & credit: Social Media”

इस बार मानसून सत्र में आपदा और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के मुद्दे हावी रहने की संभावना है। अब तक पक्ष-विपक्ष के विधायकों की ओर से विधानसभा सचिवालय को 545 प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें अधिकांश प्रश्न प्राकृतिक आपदा, भूस्खलन और राहत-पुनर्वास से जुड़े हैं। विपक्ष ने सरकार को आपदा प्रबंधन, भ्रष्टाचार समेत अन्य मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाई है, जबकि सत्ता पक्ष ने विपक्ष के हर सवाल का ठोस जवाब देने की तैयारी की है।

मौसम और भूस्खलन बनी चुनौती
भराड़ीसैंण में सत्र आयोजित करना मौसम के लिहाज से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश, भूस्खलन और आपदा की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसके बावजूद सरकार, विधायक, अधिकारी, कर्मचारी और सुरक्षा बलों को सत्र के लिए भराड़ीसैंण पहुंचना होगा।

संवैधानिक बाध्यता के तहत सत्र
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने बताया कि 22 फरवरी को देहरादून में बजट सत्र हुआ था। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार छह माह के भीतर अगला सत्र आहूत करना आवश्यक है, इसलिए 22 अगस्त से पहले मानसून सत्र आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भराड़ीसैंण में सत्र संचालन के लिए सभी तैयारियां पूरी हैं।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विपक्ष भराड़ीसैंण में ही सत्र कराने का पक्षधर है और खराब मौसम या आपदाओं का हवाला देकर स्थान बदलना स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में आपदा की मार पड़ी है और विपक्ष प्रभावितों के मुद्दे मजबूती से सदन में उठाएगा।


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