रिपोर्ट: The Mountain Stories | स्थान: केदारनाथ / बद्रीनाथ / हरिद्वार
उत्तराखंड के पवित्र धामों की यात्रा पर निकलीं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार सुबह अपने परिवार संग केदारनाथ धाम पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन किए। सीएम रेखा गुप्ता सुबह 7 बजे केदारनाथ हेलीपैड पर उतरीं, जहां बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) और केदार सभा के पदाधिकारियों ने उनका पारंपरिक स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर पहुंचकर रुद्राभिषेक पूजा संपन्न की और देश, प्रदेश व जनकल्याण की कामना की। पूजा के पश्चात बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने उन्हें भगवान केदारनाथ का प्रसाद, रुद्राक्ष माला और विभूति भेंट स्वरूप प्रदान की।
“यह यात्रा मेरे लिए अविस्मरणीय रही” – रेखा गुप्ता
मुख्यमंत्री ने तीर्थ यात्रा के अनुभव को साझा करते हुए कहा,
“भगवान केदारनाथ के दर्शनों से आत्मिक शांति प्राप्त हुई है। यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा अद्भुत है और यात्रा व्यवस्था अत्यंत उत्कृष्ट रही। यह अनुभव हमेशा स्मरणीय रहेगा।”
रेखा गुप्ता ने उत्तराखंड सरकार और बीकेटीसी द्वारा की गई व्यवस्थाओं की खुलकर सराहना की और कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए की गई सुविधाएं प्रेरणादायक हैं।
बद्रीनाथ और हरिद्वार भी पहुंचीं
केदारनाथ धाम के बाद मुख्यमंत्री अपने परिवार के साथ बद्रीनाथ धाम भी पहुंचीं, जहां उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना कर देश के लिए मंगलकामनाएं कीं। इससे पूर्व रविवार को सीएम रेखा गुप्ता हरिद्वार पहुंचीं थीं, जहां उन्होंने हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान किया और गंगा सभा द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री बनने के बाद यह उनका पहला हरिद्वार दौरा था। इस मौके पर उन्होंने कहा,
“मां गंगा का आज का स्नान मेरे लिए विशेष महत्व रखता है। सरकार के 100 दिन पूरे होने पर पुण्य भूमि पर आकर मैंने भारत के विकास की प्रार्थना की है।”
केदारनाथ यात्रा: जानें रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
गौरतलब है कि इस वर्ष केदारनाथ यात्रा 2 मई से शुरू हो चुकी है। यात्रा के लिए 2 मार्च 2025 से रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। यह निःशुल्क है और ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के बिना यात्रा की अनुमति नहीं दी जाती।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए
🔗 https://registrationandtouristcare.uk.gov.in
पर जाएं और चरणबद्ध जानकारी भरकर यात्रा पास प्राप्त करें।
The Mountain Stories आपसे अपील करता है कि इस पवित्र यात्रा के दौरान पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय संस्कृति के सम्मान का विशेष ध्यान रखें।