कांग्रेस हाईकमान के बीते रोज प्रदेश कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव करने के बाद लगने लगा था की अब प्रदेश कांग्रेस में कई दिनों से मच रहे सियासी घमासान का शायद अंत होने को है। मगर ये क्या, कि अब यह नए रूप में सामने आने लगा है।
धारचूला विधायक हरीश धामी के नयी टीम की घोषणा होते ही नाराजगी जताने के बाद बीते रोज पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवप्रभात ने मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी लेने से इन्कार कर दिया। जहाँ नवप्रभात संगठन में हालिया बदलाव से नाखुश दिखे तो वहीँ पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी बदलाव के इस फार्मूले से सहमत होते नहीं दिख रहे हैं।
हरीश रावत का सोशल मीडिया के जरिए नेताओं को बयानबाज़ी से बचने की सलाह व नसीहत देना और कहना कि “हम सबको मिलकर 2022 में कांग्रेस की विजय के लिए काम करना है। राज्य में केवल अध्यक्ष पद पर चेहरा बदला है, नेतृत्व आज भी वही पुराना है। इसलिये अपने पोस्टरों में, अपने व्यवहार में सभी नेतागणों को महत्त्व दें” वाला बयान साबित करता है की प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है।